केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अधिनियम में संशोधन मुस्लिम समुदाय को लक्षित करने के लिए नहीं किया गया है, बल्कि इसका उद्देश्य पिछली गलतियों में सुधार करना है। रिजिजू का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विभिन्न मुस्लिम संगठन कानून में संशोधन करने को लेकर विरोध कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल में हिंसक हो गए हैं। 
रिजिजू ने कोच्चि में एक प्रेस वार्ता की। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और राज्य भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर भी मौजूद रहे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार का इरादा साफ है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भारत में किसी की जमीन को 'जबरन और एकतरफा' छीनने का कोई प्रावधान न हो। 
मनमाने ढंग से वक्फ संपत्ति घोषित नहीं की जाएगी कोई भी जमीन
रिजिजू ने आगे कहा कि वक्फ कानून में संशोधन इसलिए किया गया, क्योंकि इसके कुछ प्रावधानों ने 'वक्फ बोर्डों को अभूतपूर्व शक्ति और अधिकार' दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम में संशोधन के बाद किसी भी भूमि को मनमाने तरीके से वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह अतीत की गलतियों को सुधारने के लिए है। 
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद आठ अप्रैल को लागू किया गया कानून
बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा में मैराथन मंथन के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पांच अप्रैल की रात को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी। इस कानून को सरकार ने आठ अप्रैल को अधिसूचना जारी कर लागू कर दिया। सत्तारूढ़ एनडीए ने इसे अल्पसंख्यकों के लिए लाभकारी बताया है। वहीं, विपक्ष ने इस कानून को मुस्लिम विरोधी बताया है।  
-Legend News

मिलती जुलती खबरें

Recent Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your Phone will not be published. Required fields are marked (*).