कन्नौज में मंदिर और मजार विवाद में अब योगी सरकार के मंत्री ने हस्तक्षेप किया है। उन्होंने प्राचीन ऐतिहासिक टीले का निरीक्षण किया। ग्रामीणों के साथ बातचीत की। टीले से संबंधित राजस्व अभिलेखों के साथ मंदिर से संबंधित जानकारी प्राप्त की। पूरे मामले को समझने के बाद योगी सरकार में मंत्री ने कहा कि टीले की जांच एएसआई से कराया जाएगा। इसके साथ ही मिट्टी खनन से लेकर अन्य मामलों की भी जांच कराई जाएगी। यह ऐतिहासिक टीला विवाद का नहीं हमारे गौरव की बात है। मामला ठठिया थाना क्षेत्र का है। 
उत्तर प्रदेश के कन्नौज के ठठिया थाना क्षेत्र के उमरन गांव में ऐतिहासिक टीला है। जिसमें मंदिर की जगह विशेष समुदाय के लोगों ने मजार बना लिया है। जो दोनों समुदाय के बीच के झगड़े का कारण बन गया। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 20-25 साल पहले दो-तीन विशेष समुदाय के लोग आकर बस गए थे। धीरे-धीरे उन्होंने पूरे गांव को परेशान करना शुरु किया। मंदिर की मूर्तियों को फेंक कर मजार बना लिया। 
टीला का जंगल साफ करने पर दिखी मजार‌
इसकी जानकारी तब हुई जब टीले के ऊपर बने जंगल को काटा गया। इसका गांव वालों ने विरोध किया तो विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया। टीले की आधी जमीन पर अपना दावा करने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि राजस्व अभिलेखों में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि गांव के ही रहने वाले जामिल और कामिल ने ग्राम प्रधान के साथ मिलकर तालाब और टीले की जमीन से हजारों ट्रॉली मिट्टी का अवैध खनन करा लिया। जो अपराधी किस्म के हैं और पुलिस भी इन पर हाथ नहीं डालती है।
क्या कहते हैं मंत्री असीम अरुण?
योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने कहा कि उमरन गांव का टीला काफी ऐतिहासिक है। पुरातत्व विभाग से टीले का उत्खनन कराया जाएगा। जिससे इसके विषय में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके। यह स्थान हमारे लिए गौरव की बात है। इसे संरक्षित किया जाएगा। जिन्होंने ऐतिहासिक स्थल को नुकसान पहुंचाने और अवैध खनन करने का कार्य किया है। उनके खिलाफ भी जांच कराई जाएगी।
-Legend News

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