पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी कारोबारी मेहुल चोकसी ने भारत सरकार और पांच अन्य व्यक्तियों के खिलाफ लंदन की हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया है। चोकसी ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने मई 2021 में उनके अपहरण, शारीरिक उत्पीड़न और जबरन भारत ले जाने की साजिश रची थी। 
भारत सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया और राज्य प्रतिरक्षा (स्टेट इम्युनिटी) के आधार पर ब्रिटेन के क्षेत्राधिकार पर आपत्ति जताई है। भारत ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया है कि भारतीय कानून और संविधान विशेषज्ञों की राय भी इस मामले में सुनी जाए। 
जस्टिस फ्रीडमैन के समक्ष सोमवार को सुनवाई के दौरान चोकसी ने दावा किया कि मई 3021 में उसे प्रताड़ित किया गया और यह सभ भारत सरकार की सुनियोजित अपहरण करने की योजना का हिस्सा था। वहीं, भारत सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि चोकसी के ये आरोप एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हैं और इनका असली मकसद भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना और चोकसी को प्रत्यर्पण से बचाना है। 
चोकसी के वकील एडवर्ड फिट्जगेराल्ड ने दावा किया कि एंटीगुआ में पांच लोगों ने मिलकर उन पर हमला किया और उन्हें जबरन डोमिनिका ले जाया गया, ताकि उन्हें भारत भेजा जा सके। चोकसी के अनुसार, यह एक साजिश थी, जिसमें उनके साथ मारपीट की गई और उनकी आजादी का उल्लंघन किया गया। 
फिलहाल चोकसी बेल्जियम में हिरासत में है और भारत प्रत्यर्पण से बचने की कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। वहीं, उसके भतीजे नीरव मोदी भी भारत में कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है। वह अभी भी लंदन की जेल में है, जहां उसकी कई जमानत याचिकाओं को अदालत ने खारिज किया है। भारत में नीरव मोदी के खिलाफ तीन आपराधिक मामले चल रहे हैं – एक भारतीय स्टेट बैंक (सीबीआई) में धोखाधड़ी का मामला, दूसरा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का धनशोधन मामला और तीसरा गवाहों और सबूतों को प्रभावित करने से जुड़ा मामला।
अप्रैल 2021 में ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी, क्योंकि अदालत ने पाया था कि उस पर आरोप लगाने के लिए पर्याप्त आधार हैं। हालांकि हालिया सुनवाई में एक 'गोपनीय' कारण की बात कही गई है, जिसे नीरव मोदी का शरण आवेदन माना जा रहा है।
-Legend News

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