दिल्ली की एक जिला उपभोक्ता अदालत ने बॉलीवुड गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर को 'सेवा में कमी' का दोषी ठहराया और 26 लाख से अधिक की रकम उस संस्था को लौटाने का आदेश दिया, जिससे उन्होंने यह रकम 'राम कथा' के लिए ली थी। संस्था ने आरोप लगाया कि मुंतशिर वेन्यू पर बहुत देर से पहुंचे, जिससे कार्यक्रम पूरी तरह से बर्बाद हो गया और आयोजकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। 
आईपी एस्टेट में स्थित डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने एक पक्षीय सुनवाई के आधार पर यह आदेश पारित किया। प्रेजिडेंट पूनम चौधरी की अगुवाई वाले कोरम ने मनोज मुंतशिर एंटरटेनमेंट प्रा. लि. को आदेश दिया कि वह शिकायतकर्ता 'ओम लोक आश्रम' को उसके द्वारा उन पर खर्च किए गए 26 लाख 45 हजार 730 रुपये साधारण ब्याज के साथ वापस करें। इसके अलावा शिकायतकर्ता को मानसिक कष्ट देने और परेशान करने के लिए 2 लाख मुआवजे के तौर पर और 50 हजार रुपये मुकदमेबाजी में हुए खर्च के रूप में अदा करे। 
मनोज मुंतशिर को लौटाने होंगे रुपये: कोर्ट
उपभोक्ता अदालत ने बॉलीवुड लिरिसिस्ट को शिकायतकर्ता को 'सेवा में कमी' का दोषी माना क्योंकि उन्होंने संस्था 'सदैव राम' के नाम से 'राम कथा' के लिए बुकिंग का झूठा वादा किया और शिकायतकर्ता की गाढ़ी कमाई लेकर बैठ गए। अदालत ने कहा कि यहां हाई प्रोफाइल मामलों की बहुतायत नहीं होगी। अदालत ने कहा कि आमतौर पर नकारात्मक प्रचार से बचने के लिए इस तरह के ज्यादातर विवादों को अक्सर अदालत के बाहर ही सुलझा लिया जाता है। हालांकि, इस मामले में प्रतिवादी पक्ष का बचाव हटा लिया गया था। आदेश 18 जुलाई को पारित किया गया है। उपभोक्ता अदालत ने दोहराया कि कॉन्ट्रैक्ट के उल्लंघन का मुख्य उपचार पीड़ित पक्ष के नुकसान की भरपाई है। 
क्या था मामला?
आश्रम ने अपने प्रेजिडेंट के जरिए मामले में शिकायत दायर की। एडवोकेट दीपक जैन के जरिए दायर शिकायत में आश्रम ने मनोज मुंतशिर एंटरटेनमेंट प्रा. लि. पर 'सेवा में कमी' का आरोप लगाया। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने 11 जून, 2023 में त्याग राज स्टेडियम में "सदैव राम" के नाम से बड़े पैमाने पर "राम कथा" कराने का फैसला लिया था। इसके लिए ऑर्गनाइजिंग कमिटी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया था। कथा का आयोजन शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक होना था, जिसके लिए तमाम प्रतिष्ठित व्यक्तियों को आमंत्रण भेजा गया। ऑर्गनाइजिंग कमिटी ने अंतरराष्ट्रीय गायक अमरजीत सिंह बिजली, दलेर मेहंदी और मनोज मुंतशिर शुक्ला से इसके लिए संपर्क किया। दावा किया कि एक तरफ जहां बिजली और मेहंदी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए पेमेंट लेने से मना कर दिया, वहीं मनोज ने जीएसटी के साथ 15 लाख 16 हजार की मांग की। इसके अलावा अपने और अपने स्टाफ की यात्रा से लेकर यहां ठहरने तक के लिए वीआईपी सुविधाएं मांगी। आरोप लगाया कि इतना सब करने के बावजूद मुंतशिर वेन्यू पर देर से पहुंचे। तब तक कार्यक्रम पूरी तरह से बर्बाद हो चुका था। आश्रम के मुताबिक इतना सब होने के बावजूद मुंतशिर ने मुंबई वापस पहुंचने के बाद उन्हें एक मेल भेजा और शिकायतकर्ता को सेवा में कमी का जिम्मेदार ठहराने लगे।
-Legend News

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