रिपोर्ट : LegendNews
महंत नृत्यगोपाल दास जी के जन्मोत्सव पर संत सम्मेलन में जितेन्द्रानंद सरस्वती ने दिया बड़ा बयान
अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महा अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी के जन्मोत्सव पर आयोजित संत सम्मेलन में पहुंचे संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है. जितेन्द्रानंद ने कहा कि यह समय संस्कृति और सभ्यता के संघर्ष का है. ऐसी परिस्थितियों में भी भारत ने मंदिर केंद्रित अर्थव्यवस्था की राह दिखाई है. अयोध्या के 25 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई जमीन खाली नहीं है. दुनियाभर के उद्योगपति यहीं आना नहीं चाहते हैं, लेकिन संतों से निवेदन है कि अयोध्या धर्म नगरी ही बनी रहे, सिर्फ व्यापार का केंद्र न बन कर रह जाए. यह चिंता साधु संतों को करनी होगी.
जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि का आंदोलन कोई सामान्य आंदोलन नहीं था. हजारों वर्ष से दबाए गए समाज और तोड़े गए हजारों मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की दिशा में बढ़ा हुआ यह पहला कदम था. राम जन्मभूमि के साथ काशी और कृष्ण जन्मभूमि के उद्धार पर कहा कि पहली बैठक में सिर्फ राम जन्मभूमि का विषय नहीं था, बल्कि श्री कृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ के भी मुक्ति का संकल्प था. इस संकल्प को पूरा करने के लिए धर्म क्षेत्र में पूज्य महाराज नृत्य गोपाल दास हमारा नेतृत्व करते रहेंगे.
जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि आज पूरी दुनिया में सभ्यता का संघर्ष चल रहा है. दुनिया की अर्थव्यवस्था के दो आधार हैं. जो लोग राम मंदिर के निर्माण पर कह रहे थे कि इससे क्या किसी को रोटी मिलेगी तो इसी मंच से हमने कहा था कि काश तुमने पाकिस्तान में मंदिर नहीं तोड़े होते तो जैसा भंडारा मणिराम दास छावनी में बिना जाति धर्म पूछे कराया जाता है. उसी तरह पाकिस्तान के कराची के संकट मोचन मंदिर में भी हम सभी को बैठ कर खिला रहे होते और लोगों को 800 रुपये किलो के आटा के लिए नहीं रोना पड़ता.
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