राष्ट्रगान के अपमान पर सियासी घमासान जारी है। राष्ट्रगान विवाद पर राजद ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। अब सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने लालू परिवार पर पलटवार किया है। जदयू के एमएलसी और मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने विधान परिषद् परिसर में एक तस्वीर दिखाई। इसमें राजद सुप्रीमो लालू यादव राष्ट्रगान के वक्त बैठे हुए थे। नीरज कुमार ने कहा कि राष्ट्रवाद का प्रमाण पत्र देने वाले आरजेडी के नेताओं को अपने इतिहास को याद करना चाहिए। यह तस्वीर 2002 की है, जब मार्च फास्ट चल रहा था और उस वक्त आरजेडी की नेता और मुख्यमंत्री राबड़ी देवी राष्ट्रीय गान के दौरान कुर्सी पर बैठी रही थीं। 
राबड़ी देवी कुर्सी पर बैठी हुई थीं
जदयू एमएलसी ने कहा कि उस समय राष्ट्रीय गान हो रहा था, लोग खड़े थे, लेकिन राबड़ी देवी कुर्सी पर बैठी हुई थीं। नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि उस वक्त के राज्यपाल पुरस्कार वितरण कर रहे थे और परंपरा के अनुसार, जब राज्यपाल जाते हैं, तो मुख्यमंत्री को स्थान छोड़ना होता है, लेकिन राबड़ी देवी राज्यपाल के जाने से पहले ही स्थल से चली गई थीं। नीरज कुमार ने कहा कि आज यह लोग सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा मांग रहे हैं, जबकि पहले राबड़ी देवी विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दें। यह लोग फर्जी राष्ट्रवादी हैं, नकली राष्ट्रवादी हैं, और भ्रष्टाचारी हैं। 
1997 में लालू प्रसाद ने राष्ट्रगान का अपमान किया था
नीरज कुमार यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1997 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रगान का अपमान किया था। जब देश 50वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, तब लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय झंडा उल्टा फहरा दिया था। इस पर लालू प्रसाद यादव के खिलाफ इंदौर में मामला दर्ज किया गया था लेकिन बिहार में इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं तेजस्वी यादव के बयान पर नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव आज सजायाफ्ता के पुत्र हैं और आप ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रवाद का ज्ञान दे रहे हैं जिनके पिता स्वतंत्रता सेनानी रहे। नीतीश कुमार वे व्यक्ति हैं जिन्होंने दलित के हाथ में राष्ट्रीय झंडा दिया। 
-Legend News

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