वृन्दावन। सुनरख रोड स्थित श्री आनंदम् धाम में कार्तिक मास के अवसर पर चल रहे त्रिदिवसीय राधा माधव महोत्सव के दूसरे दिन विराट संत सम्मेलन आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता करते हुए श्री आनंदम् धाम पीठाधीश्वर सद्गुरु श्री ऋतेश्वर जी महाराज ने कहा कि सदगुरु का आश्रय लिए बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं है। जिस प्रकार नदी पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार भवसागर पार करने के लिए एवं प्रभु भक्ति पाने के लिए हमें सदगुरु की परम् आवश्यकता होती है। इसीलिए हमें अपने जीवन में सदगुरु अवश्य बनाने चाहिए।जिससे कि हमारा कल्याण हो सके। पूज्य महाराजश्री ने कहा कि कहा मनुष्य को प्रभु की प्राप्ति के लिए सदगुरुदेव भगवान का आश्रय लेना चाहिए।

श्रीपीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि संत, वृक्ष, नदी, गिरि एवं धरणी ये अपनी लिए नही जीते हैं। इनका निर्माण केवल और केवल परहित और कल्याण के लिए हुआ है। सन्त प्रवर श्री ऋतेश्वर जी महाराज ऐसे ही भगवदनिष्ठ संत हैं, जिन्होंने अपना समूचा जीवन प्रभु भक्ति, धर्म प्रचार एवं समाजसेवा के लिए पूर्णतः समर्पित किया हुआ है।

श्रीउमाशक्ति पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि श्री आनंदम् धाम के अधिष्ठाता सद्गुरु श्री ऋतेश्वर जी महाराज धर्म व अध्यात्म जगत के जाज्वल्यमान नक्षत्र हैं। उनके द्वारा समूचे विश्व में प्राचीन भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति का जो प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, वो अति प्रशंसनीय है।

दिगंबर अखाड़े से महामंडलेश्वर राजेश्वर दास जी महाराज ने कहा कि सदगुरुदेव की कृपा के बिना प्रभु की भक्ति और कृपा पाना सहज नहीं है।क्योंकि सदगुरु भगवान ही हमारे जीवन के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हमारे हृदय में ज्ञान का प्रकाश प्रज्ज्वलित करते हैं।इसीलिए वेद और पुराणों में भी सदगुरु की महिमा का विस्तार से बखान किया गया है।

सन्त सम्मेलन में श्रीमहंत लाडली शरण देवाचार्य जी महाराज महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद शास्त्री, महामंडलेश्वर स्वामी वेदानन्द गिरि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद सरस्वती महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी सुरेशानन्द महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी देवस्वरूपानंद सरस्वती महाराज, महंत सुन्दर दास महाराज, डॉ. आर. के. पाण्डेय एवं वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र सिंह (लखनऊ) आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

संचालन पुराणाचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री ने किया, आभार प्रगट आर.एन. द्विवेदी (राजू भैया) ने किया, साथ ही उन्होंने समस्त सन्तों-विद्वानों को पटुका ओढ़ाकर व माल्यार्पण कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर अयोध्या स्थित श्री हनुमान गढ़ी के महन्त राजू दास महाराज एवं रोहित रिछारिया द्वारा पूज्य महाराजश्री को सनातन एकता पदयात्रा के लिए आमंत्रित किया गया।
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