नई दिल्ली। आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन से पहले सभी 10 फ्रेंचाइजी को अपने रिटेन और रिलीज किए गए प्लेयर्स की लिस्ट सौंपनी है. इसकी आखिरी तारीख 31 अक्टूबर है. इस बार नियमों में काफी कुछ बदलाव किए गए हैं.

इस बार की मेगा नीलामी में टीमों के पास 'राइट टू मैच' का ऑप्शन भी होगा. मगर आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिर यह नियम क्या है और यह कैसे काम करता है. इस खबर के जरिए हम आपके सारे संदेह दूर करने वाले हैं.

अधिकतम 6 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती हैं टीमें
सबसे पहला नियम है- इस बार एक फ्रेंचाइजी अधिकतम 6 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है, या तो रिटेंशन चरण में या फिर मेगा ऑक्शन के दौरान राइट-टू-मैच (आरटीएम) कार्ड के माध्यम से. रिटेन किए गए खिलाड़ियों में अधिकतम 5 खिलाड़ी कैप्ड हो सकते हैं जबकि अधिकतम 2 खिलाड़ी अनकैप्ड हो सकते हैं.

राइट टू मैच नियम 
राइट टू मैच (RTM) नियम को पहली बार 2017 में लागू किया गया था, लेकिन 2022 के मेगा ऑक्शन में इसे हटा दिया गया था. अब एक बार फिर आईपीएल मेगा ऑक्शन 2025 के लिए इसे लागू किया गया है. यह नियम फ्रेंचाइजी को उस खिलाड़ी को वापस खरीदने का मौका देता है, जो पिछले सीजन में उस टीम में शामिल था.

ऐसे काम करता है राइट टू मैच नियम 

पुरानी फ्रेंचाइजी द्वारा रिलीज किए जाने के बाद जब कोई खिलाड़ी नीलामी में जाता है, तो कई अलग-अलग टीमें उस पर बोली लगाती हैं. बोली लगने के बाद रिलीज करने वाली पुरानी फ्रेंचाइजी से पूछा जाता है कि क्या वो इस खिलाड़ी के लिए आरटीएम कार्ड का इस्तेमाल करना चाहती हैं ?

यानी पिछले सीजन में किसी टीम का खिलाड़ी अब नीलामी में बिक रहा है, तो उस टीम को 'आरटीएम कार्ड' मिलता है. इसका मतलब है कि वो खिलाड़ी को वापस खरीद सकती है. लेकिन इस बार इसमें एक बड़ा बदलाव हुआ है.

पहले हुई मेगा निलामी में, पुरानी टीम अगर आरटीएम का इस्तेमाल करती थी तो उसे उस खिलाड़ी पर नीलामी में लगाई गई आखिरी बोली के जितने पैसे देने पड़ते थे. वहीं अगर पुरानी टीम आरटीएम का इस्तेमाल नहीं करती थी तो आखिरी बोली लगाने वाली टीम उस खिलाड़ी को खरीद लेती थी.

- Legend News

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