प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की है। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। पीएम मोदी ने कहा कि रूस से करीब ढाई दशक से मेरा नाता जुड़ा है। पीएम मोदी ने याद किया कि वह रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ भी करीबी संबंध बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में हम 17 बार मिल चुके हैं और भारत और रूस के बीच 25 साल में 22 द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं। यह मेरी मॉस्को की छठी यात्रा है और यह हमारे संबंधों की गहराई दिखाता है। पीएम मोदी ने भारत-रूस संबंधों में आई मजबूती का श्रेय राष्ट्रपति पुतिन को दिया। उन्होंने भविष्य में भी भारत-रूस संबंधों को मजबूत बनाए रखने की बात कही।
पीएम मोदी ने की पुतिन की तारीफ
पीएम मोदी ने कहा, "पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 5 वर्ष पूरी दुनिया, पूरी मानवजाति के लिए बहुत चिंताजनक रहे तथा चुनौतीपूर्ण रहे और अनेक संकटों से गुजरना पड़ा। पहले कोविड के कारण और बाद में संघर्ष और तनावों के कारण। अब ऐसी स्थिति में भी भारत-रूस मित्रता के कारण, जब दुनिया फूड, फ्यूल और फर्टेलाइजर के संकट से गुजर रही थी, मैं मेरे देश के किसानों को फर्टिलाइजर में मुसीबर में नहीं आने दिया। उनकी आवश्यकता को पूरी करने में सफल रहे और इसमें रूस का मदद रहा।" पीएम मोदी ने किसानों के हितों में रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की बात की। 
रूस को पढ़ाया शांति का पाठ
रूस-यूक्रेन युद्ध की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि "युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकवादी हमले हो, मानवता में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति, जब जनहानि होती है तो बहुत पीड़ित होती है। उसमें भी जब मासूम बच्चों की मौत होती है, उन्हें मरते हुए देखते हैं तो हृदय छलनी हो जाता है। इस विषय में भी आपसे विस्तार से चर्चा हुई। मित्र के नाते हमने हमेशा कहा है कि हमारे भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति सर्वाधिक आवश्यक है। लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते हैं। 
बम-बंदूक और गोलियों को छोड़ने का किया आह्वान
पीएम मोदी ने कहा, "बम-बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ताएं सफल नहीं होती हैं। हमें वार्ता के माध्यम से शांति के रास्ते अपनाने होंगे। मुझे इस बात का संतोष है कि कल इतने खुले मन से आप बात कर रहे थे, जिसमें कोई लीपापोती नहीं थी। मैंने देखा कि हमारी बातचीत में से कई इंट्रेस्टिंग आइडिया निकले हैं। इनमें से ही एक नई सोच सामने आई है। कल हमारी बात में यह भी मन बना कि शांति की बहाली में भारत हर संभव सहयोग करने को तैयार है। भारत शांति के पक्ष में है और आपकी बातों को सुनकर मेरे मन में एक आशा पैदा हुई है।
-Legend News

मिलती जुलती खबरें

Recent Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your Phone will not be published. Required fields are marked (*).