रिपोर्ट : LegendNews
मैं हाफिज सईद का शर्मनाक अंजाम अपनी आंखों से देखना चाहता हूं: नूर दहरी
पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का पर्दाफाश करते हुए उसके पूर्व सदस्य नूर दहरी ने खुलासा किया है कि कैसे हाफिज सईद ने इस्लाम के नाम पर हजारों युवाओं को मौत के रास्ते पर भेजा. नूर अब उसकी सच्चाई उजागर कर रहा है. उसने पोस्ट में कहा, “मैं हाफिज सईद का शर्मनाक अंजाम अपनी आंखों से देखना चाहता हूं.
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर आतंकवाद पर घमासान मचा हुआ है. पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान आतंकवाद के मामले पर दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है. अब पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक पूर्व सदस्य सामने आकर उसकी पोल खोल रहा है. लश्कर का यह पूर्व आतंकी नूर दहरी अब खुलकर हाफिज सईद की सच्चाई को दुनिया के सामने रख रहा है.
उसका कहना है कि उसने जो कुछ भी देखा, वो इस्लाम के नाम पर किया जा रहा सबसे बड़ा धोखा था. नूर ने साफ कहा है कि वह अपनी जिंदगी में हाफिज सईद का शर्मनाक अंजाम देखना चाहता है. नूर दहरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक लंबी पोस्ट में अपने आतंकी बनने की कहानी साझा की है. उसने बताया कि उसकी मां चाहती थीं कि वह डॉक्टर बने, लेकिन उसकी जिंदगी की दिशा बदल दी हाफिज सईद की जहरीली तकरीरों ने. यूनिवर्सिटी की पढ़ाई छोड़कर वह लश्कर से जुड़ गया और फिर शुरू हुआ एक डरावना सफर.
हाफिज सईद की सुरक्षा में तैनात रहा
नूर दहरी ने अपने पोस्ट में बताया कि उसे लश्कर में हाफिज सईद की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी. वह उसके मुरिदके स्थित स्थायी आवास और संगठन के मुख्यालय की रखवाली करता था. उसने बताया कि हाफिज सईद जिस गाड़ी में चलता था, वह एक नीली टोयोटा वीगो पिकअप डैटसन थी, जिसे पीछे सोने के लिए भी तैयार किया गया था.
भाषणों से बहकते थे युवा, पहुंच जाते थे कश्मीर-अफगानिस्तान
नूर ने खुलासा किया कि हाफिज सईद के भाषण इतने जहरीले होते थे कि सैकड़ों युवक लश्कर से जुड़ जाते थे और फिर उन्हें ट्रेनिंग के लिए अफगानिस्तान और भारत के कश्मीर भेज दिया जाता था. हर गुरुवार को पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 500 युवक अफगानिस्तान के कुनार प्रांत स्थित मआसकर तैयबा नाम के ट्रेनिंग कैंप पहुंचते थे. लेकिन उनमें से अधिकतर कभी लौटकर नहीं आते थे.
हकीकत जानकर छोड़ा आतंकवाद
नूर ने अपने पोस्ट में बताया कि जब वह खुद कश्मीर और अफगानिस्तान गया तो उसे लश्कर का असली चेहरा दिखा. वहां जो कुछ उसने देखा उससे उसकी आंखें खुल गईं. जब उसने वापस लौटकर संगठन से अलग होने की बात की तो उसे डरपोक और गद्दार कहा गया. लेकिन वह लश्कर के झूठ और हिंसा के खिलाफ खड़ा हो गया.
लश्कर के पास है एक लाख ट्रेंड आतंकी
नूर दहरी का दावा है कि आज भी लश्कर के पास करीब एक लाख ट्रेंड आतंकी हैं. उसका कहना है कि हाफिज सईद ने हजारों पाकिस्तानी युवाओं को झूठे वादों और जन्नत के ख्वाब दिखाकर मौत के रास्ते पर धकेल दिया. उसने कहा कि लश्कर पाकिस्तान की सत्ता के इशारों पर एक ‘राख की जंग’ लड़ रहा है जिसमें केवल मासूमों की जान जा रही है.
अब हाफिज सईद के पतन की दुआ
नूर दाहरी ने अपनी पोस्ट के अंत में लिखा कि आज वह उस जिंदगी से कहीं बेहतर स्थिति में है जहां हाफिज सईद उसे ले जाना चाहता था. उसका कहना है कि अल्लाह ने उसे इस्लाम के नाम पर हो रहे इस धोखे को उजागर करने के लिए चुना है. वह कहता है कि “मैं अपनी आंखों से हाफिज सईद का गिरता हुआ अंजाम देखना चाहता हूं. इंशा अल्लाह.”
-Legend News
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