रिपोर्ट : LegendNews
घरेलू उपाय भी दिला सकते हैं माइग्रेन के दर्द से छुटकारा
माइग्रेन सिर में बार-बार होने वाला तेज दर्द है जो खासकर सिर के आधे हिस्से में होता है। माइग्रेन के लक्षणों में मतली, उल्टी और प्रकाश तथा ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता शामिल है। माइग्रेन का दर्द कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है।
माइग्रेन होने का क्या कारण है?
एनएचएस के अनुसार यह अभी तक पता नहीं चल पाया है लेकिन इसे असामान्य मस्तिष्क गतिविधि का परिणाम माना जाता है जो अस्थायी रूप से मस्तिष्क में तंत्रिका संकेतों, रसायनों और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है। इससे राहत दिलाने के लिए मार्केट में कई दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन घरेलू उपायों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
हाल ही में आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर दीक्षा भावसार ने माइग्रेन के आयुर्वेदिक उपचार के तरीकों को इंस्टा पर शेयर किया है। इस पोस्ट में वह लिखती हैं कि माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए गोलियों की बजाय इन घरेलू तरीकों का उपोग आपके सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है।
माइग्रेन में खाएं भीगे हुए किशमिश
आप सुबह सबसे पहले हर्बल चाय ले सकते हैं और फिर 10-15 रात को भीगी हुई किशमिश का सेवन कर सकते हैं। यह माइग्रेन के सिरदर्द से राहत दिलाने में कमाल का काम करता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ बाताती हैं कि लगातार 12 सप्ताह तक इसका सेवन बढ़े हुए वात के साथ शरीर में अतिरिक्त पित्त को कम करने का काम करता है। इसके साथ ही माइग्रेन से जुड़े सभी लक्षणों जैसे अम्लता, मतली, जलन, एकतरफा सिरदर्द, गर्मी के प्रति असहिष्णुता आदि को शांत करता है।
माइग्रेन में फायदेमंद है जीरा-इलायची चाय
जीरा इलायची से तैयार चाय का सेवन लंच या डिनर के एक घंटे बाद या जब भी माइग्रेन के लक्षण दिखने पर किया जा सकता है। यह मतली और तनाव से राहत दिलाने का काम करता है।
कैसे करें तैयार
इसे बनाने के लिए आधा गिलास पानी लें, उसमें 1 छोटी चम्मच जीरा और 1 इलायची डालकर 3 मिनट तक उबालें, फिर छानकर इस स्वादिष्ट माइग्रेन को शांत करने वाली चाय का आनंद लें।
माइग्रेन का घरेलू उपचार- घी खाएं
आयुर्वेद विशेषज्ञ बताती हैं कि माइग्रेन में घी दवा जैसा काम करता है। इसके साथ ही घी शरीर और दिमाग में अतिरिक्त पित्त को संतुलित का काम करता है।
इसका उपयोग आप कई तरीकों से कर सकते हैं। जैसे खाने में, सोते समय दूध के साथ,नस्य के रूप में, और माइग्रेन में ली जाने वाली कुछ जड़ी-बूटियों ब्राह्मी, शंखपुष्पी, यस्तिमधु आदि घी के साथ ली जा सकती हैं।
माइग्रेन के लिए जरूरी है हेल्दी लाइफस्टाइल
आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार कहती हैं कि माइग्रेन के मरीजों को हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों का पालन करना चाहिए। इसमें मुख्य रूप से स्वस्थ भोजन, प्राणायाम शामिल हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
-Compiled by Legend News
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