वृन्दावन। भारत के पूर्व महासर्वेक्षक, राष्ट्रीय एटलस और विषयगत मानचित्रण संगठन (NATMO) के पू. निदेशक एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पू. कुलपति डॉ. पृथ्वीश नाग ने कहा कि सेवा - सृजन - सांस्कृतिक रस संगम में डुबकियां लगाने हेतु श्रीधाम वृन्दावन में आगमन आवश्यक है। वैश्विक संस्कृति की राजधानी क्षेत्र स्वरूप में सुविख्यात ब्रज वृन्दावन के दर्शन किये बगैर भक्ति का आभास करना भी असम्भव है।

शिक्षाविद डॉ. पृथ्वीश नाग आज वृन्दावन में श्रीहरिदास पीठाधीश्वर आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करने प्राचीन श्रीहरिदास पीठ मंदिर में पहुँचे थे। इस अवसर पर उन्होंने ब्रजरस व धर्म संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर श्रीहरिदास पीठाधीश्वर महाराज से गहन परिचर्चा की। अाध्यात्मिक चर्चा के बाद अपने भावुक उदगार व्यक्त करते हुये डॉ. नाग ने कहा कि ब्रज वृन्दावन के दर्शनोपरांत ही सृष्टि के सार से परिचित हुआ जा सकता है।

इस मौके पर उनके साथ श्रीमती डॉ. जे. धर, तुहीन कुमार दासुप्ता, बिहारीलाल चतुर्वेदी व पत्रकार सुनील शर्मा भी मौजूद थे। इसके पश्चात उन्होंने जगप्रसिद्ध ठाकुर श्रीबॉंकेबिहारी मंदिर में पहुंचकर दर्शन किये। यहाँ सेवायत आचार्य विप्रांश बल्लभ गोस्वामी ने विधिवत पूजा अर्चना कराते हुये सभी को उत्तरीय, माला एवं प्रसादादि प्रदान किया।

- Legend News 

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