सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज येओ का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप अब भारत से रिश्ते बेहतर करने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा कि पहले ट्रंप ने भारत को धमकाने की कोशिश की लेकिन भारत अमेरिका के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहा। ट्रंप को इससे एहसास हो गया कि वह भारत को झुकाया नहीं जा सकता है। भारत को झुकाने में नाकाम रहने के बाद चीजों को पटरी पर लाने के लिए ट्रंप ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं भेजीं।
सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज येओ ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर दबाव बनाने में नाकाम होने के बाद नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं भेजीं। येओ ने कहा, भारत सोचता था कि वह चीन के खिलाफ अमेरिका का इस्तेमाल कर सकता है। अमेरिका समझता था कि वह चीन के खिलाफ भारत का इस्तेमाल कर सकता है। यूक्रेन युद्ध हुआ तो भारत रूस का साथ देने को तैयार नहीं था। वहीं मई में पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारत को पता चल गया कि अमेरिका पाक के खिलाफ उसका समर्थन नहीं करेगा। 
ट्रंप पर सवाल उठाते रहे हैं येओ
डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल अगस्त में भारत के सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। ट्रंप प्रशासन की ओर से रूस से तेल खरीद के लिए भारत को धमकाने की कोशिशें भी की गई हैं, जिन्‍हें भारत ने नहीं माना है। दोनों देशों के रिश्तों में तनातनी के बीच 17 सितंबर को ट्रंप ने मोदी को जन्मदिन की बधाई दी थी। इस पर मोदी ने भी शुक्रिया किया था। इसी पर येओ का बया आया है। 
येओ ने कई बार डोनाल्ड ट्रंप की नीति पर सवाल उठाए हैं। अगस्त में येओ ने कहा था, ट्रंप के व्यापक टैरिफ दशकों के मुक्त व्यापार से एक निर्णायक विराम का संकेत हैं। यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बड़े व्यवधान का जोखिम पैदा करते हैं। ट्रंप जो कर रहे हैं, उससे हम एक पुरानी दुनिया में वापस जा रहे हैं।
येओ का कहना है कि ट्रंप ऐसी व्यवस्था चाहते हैं जहां ना कोई विश्व व्यापार संगठन नहीं था और व्यापार राजनीतिक लाभ का एक साधन बन गया था। येओ का मानना है कि अमेरिका अब पहले जैसा आत्मविश्वास महसूस नहीं कर रहा है। उसे अपने बारे में बढ़ती असुरक्षा का एहसास हो रहा है। 
-Legend News

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