मथुरा। गुजरात की कृष्णभक्त महिला श्रद्धालु श्रीमती शैलजाबेन शाह अपने पति के साथ भगवान श्रीकृष्ण-जन्मभूमि एवं ब्रज के दर्शन के लिए पधारीं।  श्रीमती शाह अपने परिवार के साथ श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान द्वारा संचालित अन्तर्राष्ट्रीय विश्राम-गृह में ठहरी हुईं थीं। दिनांक 12 अप्रैल 2025 को चेकआउट करते समय श्रीमती शाह अपने बेशकीमती चार हीरे के कड़े विश्राम-गृह के कक्ष में ही भूलवश छोड़कर श्रीगिरिराज जी की परिक्रमा करने चली गयीं। परिक्रमा के मध्य में श्रीमती शाह को स्मरण आया कि हीरे के कड़े तो श्रीकृष्ण-जन्मस्थान के विश्राम-गृह में ही रह गये हैं।  संस्थान के फोन स्मरण न होने के कारण डायल 112 पर पुलिस को सूचित किया एवं डायल 112 के पुलिसकर्मी श्री राकेश बाबू यादव एवं श्री राघवेन्द्र गौतम ने तत्काल संस्थान से सम्पर्क किया।

श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के सचिव श्री कपिल शर्मा, विश्राम-गृह प्रभारी श्री रणधीर कुमार सिंह के सहयोग से तत्काल चार हीरे के कड़े ढुंढ़वाकर श्रद्धालु महिला को सूचित किया एवं उनको आश्वस्त किया कि वह अपने धार्मिक कार्य की पूर्णता के उपरान्त श्रीकृष्ण-जन्मस्थान आयें और अपनी अमानत प्राप्त कर लें।  
श्री शर्मा ने इंचार्ज कन्ट्रोल श्री सुरेश कुमार, इंचार्ज ड्यूटी श्री दिनेश कुमार, विश्राम-गृह की ड्यूटी पर तैनात मुख्य आरक्षी श्री हृदेश कुमार एवं डायल 112 के श्री राकेश बाबू यादव एवं श्री राघवेन्द्र गौतम के समक्ष उन कड़ों को पहचान अंकित कर सुरक्षित रखवा दिया।

आज रविवार दिनांक 13 अप्रैल 2025 को श्रीमती शाह अपने पति के साथ श्रीकृष्ण-जन्मभूमि पधारीं। संस्थान के सचिव श्री कपिल शर्मा ने उन्हें मंदिर का प्रसाद एवं चुनरी भेंट करने के उपरान्त अमानत स्वरूप रखे बेशकीमती हीरे के चार कड़े उनको सौंप दिये।

श्रीमती शाह उ0प्र0 पुलिस की त्वरित रिस्पॉंस से गदगद थीं।  श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के मैनेजमेंट, विश्राम-गृह कर्मियों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुऐ भगवान श्रीकेशवदेव जी की जय-जयकार की।

ज्ञातव्य है कि पूर्व में भी श्रीकृष्ण-जन्मस्थान के विश्राम-गृह में ठहरने वाले श्रद्धालुओं की अनेकों कीमती वस्तुओं को विश्राम-गृह कर्मचारियों ने पूर्ण ईमानदारी के साथ उनको वापस लौटाया है।
- Legend News

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