DoT ने सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेश को दफ्तरों में BSNL, MTNL की सर्विस इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। दूरसंचार विभाग के निर्देश के मुताबिक, सरकारी दफ्तरों और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों की ऑफिसों में ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और लीज लाइन की जरूरतों के लिए BSNL और MTNL की सर्विस को प्रेफर किया जाना चाहिए। दूरसंचार विभाग का यह निर्देश राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किया गया है। 
राज्य सरकारों को लिखा पत्र
राज्य सरकारों के इस कदम से प्राइवेट ऑपरेटर्स और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से मिल रहे मार्केट कंपीटिशन को खत्म किया जा सकेगा। दूरसंचार विभाग ने राज्य सरकारों के चीफ सेक्रेटरी को इसे लेकर पिछले दिनों 8 अप्रैल को पत्र लिखा था। DoT सेक्रेटरी नीरज मित्तल ने 2019 में लिए गए केंद्र सरकार के फैसले का हवाला देते हुए राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि सरकारी विभाग, एजेंसी और PSU में BSNL या MTNL की सर्विस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ये सरकारी कंपनियां हाई सर्विस क्वालिटी मुहैया करा रही हैं।
BSNL ने हाल ही में MTNL की सर्विस को ऑपरेट करना शुरू कर दिया है। BSNL और MTNL भी अन्य टेलीकॉम कंपनियों को अब कंपीटिशन देना शुरू कर दिया है। कैबिनेट सेक्रेटरी ने अपने लेटर में कहा कि केंद्र सरकार अपने दफ्तरों में BSNL और MTNL की सर्विस इस्तेमाल करती है। राज्य सरकारों को भी अपने दफ्तरों में BSNL और MTNL की सर्विस इस्तेमाल करना चाहिए।
राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा
TRAI के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक इस समय टेलीकॉम सेक्टर में प्राइवेट टेलीकॉम की 92 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वही, BSNL और MTNL का मार्केट शेयर 8 प्रतिशत है। दूरसंचार विभाग ने अपने पत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा का भी हवाला दिया है। BSNL और MTNL पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक वाले इक्विपमेंट इस्तेमाल करते हैं। पिछले दिनों आई रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के टेलीकॉम इक्विपमेंट्स में अभी भी बड़े पैमाने पर विदेशी इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
-Legend News

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