वाराणसी। भगवान शिव की नगरी काशी फिर से देव दीपावली पर प्रकाश, आस्था और संस्कृति के संगम की साक्षी बनेगी. वाराणसी के मनोरम घाटों, कुंडों और तालाबों पर स्थानीय समितियां एक साथ लाखों दीप जलाएंगी. उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग और महोत्सव समिति वाराणसी की तरफ से 10 लाख से अधिक मिट्टी के दीपकों की व्यवस्था की गई है.

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि दीपक, तेल और बाती का वितरण राजघाट से शुरू हो चुका है. गंगा के घाटों और उसके पार के तटों को शामिल करते हुए दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए कुल 20 सेक्टर बनाए गए हैं. इनमें प्रत्येक के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं, जिससे व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे.

डमरू की धुन और शंखनाद से होगा शुभारंभ

पर्यटन मंत्री मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद और डमरू की गूंज से होगी. यह भगवान शिव की उपस्थिति और काशी की दिव्य ऊर्जा का प्रतीक होगी. शो में भगवान शिव-पार्वती विवाह का पवित्र दृश्य, भगवान विष्णु के चक्र पुष्करिणी कुंड की कथा, भगवान बुद्ध के धर्मोपदेश, संत कबीर और गोस्वामी तुलसीदास की भक्ति परंपरा और आधुनिक युग में महामना मदन मोहन मालवीय के स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय की गौरवशाली यात्रा को आकर्षक दृश्यों के जरिए प्रस्तुत किया जाएगा. यह पूरा शो काशी की आत्मा, उसकी परंपरा और आध्यात्मिकता को एक सूत्र में पिरोते हुए यह संदेश देगा कि 'कण-कण में काशी और रस-रस में बनारस'.

काशी-कथा 3-D मैपिंग शो होगा 

देव दीपावली की संध्या पर वाराणसी का आकाश अद्भुत रोशनी और आस्था के रंगों से जगमगाएगा. पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि श्रद्धालु और पर्यटक इस अवसर पर एक अनोखे दृश्य के साक्षी बनेंगे. भव्य 'काशी-कथा 3-D प्रोजेक्शन मैपिंग व लेजर शो का आयोजन किया जाएगा. अद्वितीय प्रस्तुति में काशी के प्राचीन गौरव, गंगा की महिमा और भगवान विश्वनाथ की नगरी की आस्था को आधुनिक तकनीक से दर्शाया जाएगा.
- Legend News

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