एलन मस्क की सैटेलाइट के ज़रिए इंटरनेट मुहैया करवाने वाली कंपनी स्टारलिंक के साथ दो भारतीय कंपनियों के करार पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, "मात्र बारह घंटों के भीतर एयरटेल और जियो ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा कर दी है, ऐसा लगता है कि भारत में स्टारलिंक के प्रवेश पर उनकी सभी आपत्तियाँ दूर हो गई हैं, जिसके बारे में वे काफ़ी समय से आवाज़ उठा रहे थे."
"यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि इन साझेदारियों को किसी और ने नहीं बल्कि खुद प्रधानमंत्री ने स्टारलिंक के मालिक एलन मस्क के माध्यम से राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अच्छे संबंध हासिल के लिए तैयार किया है."
जयराम रमेश ने लिखा है, "लेकिन कई सवाल बने हुए हैं. शायद इसका सबसे महत्वपूर्ण सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. राष्ट्रीय सुरक्षा की ज़रूरत होने पर कनेक्टिविटी को जारी रखना या बंद करने का अधिकार किसके पास होगा? क्या यह स्टारलिंक होगा या इसके भारतीय साझेदार होंगे?" 
जयराम रमेश ने पूछा है, "क्या भारत में अन्य उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाओं को भी अनुमति दी जाएगी और अगर दी जाएगी तो किस आधार पर? ज़ाहिर है, भारत में टेस्ला के निर्माण का बहुत बड़ा सवाल बना हुआ है. क्या अब इसके लिए कोई प्रतिबद्धता दी गई है, क्योंकि स्टारलिंक को भारत में आने की सुविधा मिल गई है?"
मंगलवार को एयरटेल और बुधवार को जियो ने अमेरिकी अरबपति कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ स्टारलिंक हाई स्पीड इंटरनेट के लिए समझौता किया है.
स्टारलिंक एक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा है जो सैटेलाइट कवरेज के अंदर कहीं भी इंटरनेट की सुविधा प्रदान कर सकती है.
इस ख़ासियत की वजह से दूरदराज या ग्रामीण इलाक़ों में इंटरनेट पहुंच के लिए ये एक बेहतर विकल्प है, जहां पारंपरिक तौर पर इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती है. 
-Legend News

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