रिपोर्ट : LegendNews
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा: कोर्ट का प्रोसेस पनिशमेंट जैसा, लोग तंग होकर बस सेटलमेंट चाहते हैं
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार (3 अगस्त) को कहा कि लोग कोर्ट के मामलों से इतने तंग आ जाते हैं कि वे बस सेटलमेंट चाहते हैं। कोर्ट का प्रोसेस पनिशमेंट जैसा है। यह जज के रूप में हम सभी के लिए चिंता का कारण है।
CJI ने कहा, हम कोशिश करते हैं और कहते हैं कि हम सेटलमेंट नहीं करेंगे, बल्कि हम आपको बेहतर रिजल्ट देंगे। चंद्रचूड़ ने कहा कि जब बीआर अंबेडकर जैसे दिग्गजों ने संविधान बनाया था तो उन्होंने इसे एक मिशन के साथ बनाया था।
चंद्रचूड़ ने कहा, भारत के सुप्रीम कोर्ट को 180 संवैधानिक मामलों से निपटने वाला अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट बनाने का विचार नहीं था। बल्कि इसके पीछे 'न्याय सबके द्वार' का विचार था। यह एक अदालत थी, जिसे गरीब समाज के लिए बनाया जा रहा था जहां न्याय तक पहुंच का अभाव था।
CJI ने ये बातें सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लोक अदालत वीक के स्मरणोत्सव समारोह में कहीं। इस समारोह में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 साल पूरे होने के मौके पर 29 जुलाई से 3 अगस्त तक स्पेशल लोक अदालत का आयोजन किया गया था।
लोक अदालतें ऐसे मंच हैं जहां कोर्ट में लंबित मामलों या मुकदमे से पहले विवाद को आपसी समझौते से निपटाया जाता है। लोक अदालत के फैसलों के खिलाफ किसी भी कोर्ट मेंअपील नहीं की जा सकती है।
चंद्रचूड़ बोले: हम मुवक्किलों को नहीं जानते, यही सबसे बड़ी कमी
चंद्रचूड़ ने अपने संबोधिन के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज ऊंचे डायस पर बैठते हैं। हमारे सामने वकील बैठते हैं। हम मुवक्किलों को शायद ही जानते हों, जैसे हम हाई कोर्ट या डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जानते हैं। हम जिन लोगों को सुप्रीम कोर्ट में न्याय देते हैं, वे हमारे लिए अदृश्य हैं। यही हमारे काम की सबसे बड़ी कमी है।
CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भले ही दिल्ली में स्थित है लेकिन यह पूरे भारत का कोर्ट है। हमने पूरे देश से अधिकारियों को रजिस्ट्री में भर्ती किया है और वे पूरे भारत में जीवन और समाज के बारे में विविधता, समावेश और ज्ञान लाते हैं।
CJI ने कहा कि भारत सरकार के एक बहुत सीनियर सेक्रेटरी और पूर्व सिविल सर्वेंट ने मुझसे कहा कि उन्हें कभी नहीं पता था कि सुप्रीम कोर्ट में छोटे मामलों की भी सुनवाई होती है क्योंकि हमें सुप्रीम कोर्ट में सभी बड़े मामलों को निपटाते हुए देखने की आदत है।
कानून मंत्री बोले, विवादों को मध्यस्थता से सुलझाना हमारी संस्कृति
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कार्यक्रम में कहा कि 'इस लोक अदालत में 1000 से अधिक मामलों का निपटारा किया गया। मुझे बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में आयोजित लोक अदालत में सिविल मामलों का भी निपटारा किया गया है।'
मेघवाल ने कहा कि हमारे देश में पहली बार भगवान कृष्ण ने लोक अदालत आयोजित की थी। तब कौरवों और पांडवों के बीच विवाद हो गया था। दुर्योधन नहीं माना और विवाद जारी रहा। यह हमारी संस्कृति में है कि हम विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का उपयोग करते हैं।
-Legend News
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