रिपोर्ट : LegendNews
छत्तीसगढ़: 40 साल बाद खुलेगा इंद्रावती टाइगर रिजर्व, लाल आतंक के चलते था बंद
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व एक राष्ट्रीय उद्यान है, यह इंद्रावती नदी के किनारे बसा है। यह छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध वन्यजीव उद्यानों में से एक है, साल 1983 में इसे भारत के प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघ रिजर्व बनाया गया था। देश के तीसरे सबसे बड़े इन्द्रावती टायगर रिजर्व नेशनल पार्क में लाल आतंक के चलते 40 सालों तक आम लोग और पर्यटकों से दूर रहा है।
नेशनल पार्क के अंदर मौजूद वन्य जीवों को आने वाले सालों में देखा जा सकता है, इसके लिए लगातार विभाग काम भी कर रहा है। यह पार्क तीन राज्यों से घिरा हुआ है, जो तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा में 2 हजार 799 वर्ग किलोमीटर फैला हुआ है। इन्द्रावती नेशनल पार्क में 8 बाघ, राजकीय पशु 17 वन भैंसों, राजकीय पशु वन भैंसा, टायगर, सांभर, बाघ सहित गिद्ध एवं कई जंगली जानवर और पक्षी मौजूद है।
देश में तीसरे नंबर पर है इन्द्रावती नेशनल पार्क
इन्द्रावती नेशनल पार्क जो देश का तीसरे नंबर का अभ्यारण्य कहा जाता है। इसमें राजकीय पशु वन भैंसा की संख्या सबसे ज्यादा और इस पार्क में बाघों की संख्या भी काफी है। साथ ही अन्य वन्य जीवों की संख्या भी देखी गई है। नेशनल पार्क में मौजूद पशुओं की गणना करने बकायदा विभाग ने कैमरा ट्रेप भी लगाया है, लेकिन काफी अंदर होने और माओवादियों की उपस्थिति होने के चलते विभाग के कर्मचारी और आम पर्यटकों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके कारण यह अभ्यारण्य 40 सालों से पर्यटकों से दूर रहा है। लेकिन अब लाल आतंक पर लगातार हो रहे प्रहार से अब यह नेशनल पार्क को माओवादियों से मुक्त करने की तैयारी की जा रही है।
जल्द पर्यटकों के लिए खोला जायेगा
विभाग भी लगातार नेशनल पार्क को खोलने की मंशा जाहिर कर चुका है। बताया जा रहा है कि, नेशनल पार्क के अंदर 2 हजार से अधिक लोगों की बसाहट है और उन्हें अन्य जगह में लाने की कोशिश विभाग कर रहा है। वहीं विभाग के अधिकारी का भी मानना है कि, प्रदेश और बस्तर का इन्द्रावती नेशनल पार्क काफी सुंदर अभयारण्य है। माओवाद खात्मे के बाद विभाग पार्क में काफी काम करना भी चाहता है और दोनों राज्यों की मदद से इसे आने वाले समय में पर्यटकों के लिए खोला भी जा सकता है।
मटटीमारका में पहुंच रहे पर्यटक
बीजापुर जिले के भोपलपटनम से लगभग 20 किमी दूर मटटीमारका में इंद्रावती नदी किनारे जो इन्द्रावती टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है। यहां साल भर में लगभग 50 हजार पर्यटक पहुंचकर पिकनिक करते है, जहां रिजर्व की ओर से पर्यटकों की अनुमति दी गई पर रात में नहीं की मनाही है।
पर्यटक वन्य जीवों का कर पाएंगे दीदार
इन्द्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर के उप निदेशक संदीप बलगा ने बताया कि रिजर्व में नक्सलियों खात्मे बाद बीजापुर का यह नेशनल पार्क अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाएगा और यहां आने वाले पर्यटक खुली जीप में वन भैंसा, टायगर एवं अन्य वन्य जीवों का दीदार भी कर सकेंगे। हालांकि रिजर्व में रहवास वन्य प्राणियों के लिए सटे हुए गांवों में ग्रामीणों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि वन्य प्राणियों को मारे नहीं बल्कि सूचना दें, जिससे बचा सकें।
माओवादियों के खात्मे के बाद खुलेगा पार्क
वन विभाग जगदलपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने बताया कि बस्तर में लाल आतंक पर हो रहे प्रहार से बीजापुर का इन्द्रावती नेशनल पार्क को अब देश दुनिया के लोग देख सकेंगे। वहीं विभाग के मंत्री का भी मानना है ऐसा अभयारण्य बस्तर के बीजापुर में होना गौरव की बात है, लेकिन नेशनल पार्क में मौजूद माओवादियों के खौफ अब खत्म होने की कगार पर है। माओवादियों के खात्मे के बाद यह खूबसूरत नेशनल पार्क देश दुनिया के पर्यटकों के लिए खुल जाएगा, जहां आम लोग भी आसानी से राजकीय पशु वन भैंसा, टायगर, चीता एवं अन्य वन प्राणी को देख सकेंगे।
-Legend News
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