छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में हुई जो तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमाओं के संगम पर स्थित है। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 8 नक्सलियों को मार गिराया जिनमें दो डिवीजनल कमेटी (डीवीसी) के वरिष्ठ सदस्य भी शामिल हैं। हालांकि, इस मुठभेड़ में तेलंगाना की 'ग्रीन फाइटर' टीम के 5 जवान भी शहीद हो गए।
सुकमा पुलिस और अन्य सुरक्षाबल इस ऑपरेशन में शामिल थे। खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किए गए इस अभियान का मकसद नक्सलियों के गढ़ में उनकी गतिविधियों को कुचलना था। कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र नक्सलियों का मजबूत ठिकाना माना जाता है, जहां वे लंबे समय से सक्रिय हैं।
मुठभेड़ के दौरान भारी गोलीबारी हुई, जिसमें सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को घेर लिया। इस ऑपरेशन में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ। मारे गए डीवीसी सदस्य संगठन के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिकार थे।
तेलंगाना की 'ग्रीन फाइटर' टीम के 5 जवानों ने इस मुठभेड़ में अपनी जान गंवाई है। 'ग्रीन फाइटर' टीम नक्सल विरोधी अभियानों में अपनी बहादुरी के लिए जानी जाती है। सुकमा पुलिस ने क्षेत्र में स्थिति को नियंत्रण में बताया है और फिलहाल वहां शांति बनी हुई है।
वहीं, 7 मई को छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ियों के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 22 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया। यह कार्रवाई 'ऑपरेशन संकल्प' के तहत हुई, जो 21 अप्रैल से शुरू हुआ है और नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है।
इस ऑपरेशन में लगभग 24,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं, जिनमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कोबरा यूनिट के जवान हैं। इस मुठभेड़ के दौरान ड्रोन की मदद से नक्सलियों की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी। 
-Legend News

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