एक ब्रिटिश दंपती ने दिग्गज टेक कंपनी गूगल के खिलाफ 15 साल लंबी कानूनी लड़ाई आखिरकार जीत ली है। यूरोपीय अदालत ने गूगल को अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करते हुए दंपती की स्टार्टअप कंपनी को प्रतिस्पर्धा में पीछे करने का दोषी मानते हुए 2.4 बिलियन पाउंड ( करीब 26,171 करोड़ रुपए) का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है। ब्रिटिश दंपती शिवौन राफ और एडम ने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप ‘फाउंडम’ शुरू किया था। यह कंपनी उत्पादों की कीमतों की तुलना करती है और जब ग्राहक अन्य वेबसाइटों पर उनके उत्पाद की सूची पर क्लिक करते हैं तो उनसे शुल्क लेती है। 
गूगल ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया 
राफ-एडम ने महसूस किया कि गूगल के सर्च इंजन पर ‘मूल्य तुलना’ या ‘तुलनात्मक खरीदारी’ जैसे संबंधित की-वर्ड की खोज करने पर उनकी वेबसाइट काफी पीछे जाने लगी। हालांकि, अन्य सर्च इंजन पर फाउंडम को पूरी तरह सामान्य रैंकिंग मिल रही थी। एडम ने बताया कि शुरू में उन्हें लगा कि फाउंडम को किसी स्पैम का शिकार बनाया जा रहा है, लेकिन शिकायत के बाद भी गूगल ने कोई कार्रवाई नहीं की तो 2010 में उन्होंने यूरोपीय आयोग से शिकायत की।
एंटी-ट्रस्ट जांच से पता चला कि टेक दिग्गज ने ‘फाउंडम’ जैसे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अपनी खुद की शॉपिंग सेवा को अनुचित तरीके से बढ़ावा दिया। जांच से यह भी पता चला कि करीब अन्य 20 से ज्यादा साइटों को भी गूगल ने अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल कर नुकसान पहुंचाया।
गूगल की अपील खारिज
आयोग ने आखिरकार 2017 में गूगल पर अपने प्रभुत्व के दुरुपयोग का दोषी माना और 2.4 बिलियन पाउंड का जुर्माना लगाया। गूगल ने इस फैसले को चुनौती दी और करीब सात साल तक कानूनी लड़ाई चली। अब यूरोपीय अदालत ने गूगल की अपील को खारिज करते हुए जुर्माने को बरकरार रखा। गूगल ने इस फैसले को ‘निराशाजनक’ बताया।
-Legend News

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