नई द‍िल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को भारत की व्यावसायिक शिक्षा में बदलाव की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान उन्नयन और कौशल विकास के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की राष्ट्रीय योजना को मंजूरी दे दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस स्कीम के लिए कुल 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।

1,000 सरकारी आईटीआई का अपग्रेडेशन
खबर के मुताबिक, आधिकारिक बयान में कहा गया कि योजना का लक्ष्य उद्योग से जुड़े नए ट्रेड (सिलेबस) के साथ हब और स्पोक व्यवस्था में 1,000 सरकारी आईटीआई का अपग्रेडेशन करना और पांच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) की क्षमता बढ़ाना है, जिसमें इन संस्थानों में कौशल विकास के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना शामिल है। इसे बजट 2024-25 और बजट 2025-26 में की गई घोषणा के मुताबिक, केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में 60,000 करोड़ रुपये के व्यय के साथ लागू किया जाएगा।

खर्च में किसका हिस्सा कितना
खर्च में 30,000 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा, 20,000 करोड़ रुपये का राज्य हिस्सा और 10,000 करोड़ रुपये का उद्योग हिस्सा शामिल है। इसके अलावा, साथ ही एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक द्वारा केंद्रीय हिस्से के 50 प्रतिशत की सीमा तक सह-वित्तपोषण भी किया जाएगा। इस योजना का मकसद मौजूदा आईटीआई को राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से सरकारी स्वामित्व वाले, उद्योग-प्रबंधित कौशल के महत्वाकांक्षी संस्थानों के रूप में स्थापित करना है।

20 लाख युवाओं को कुशल बनाया जाएगा
पांच साल की अवधि में, 20 लाख युवाओं को ऐसे सिलेबस के जरिये कुशल बनाया जाएगा जो उद्योगों की मानव पूंजी की जरूरतों को पूरा करते हैं। यह स्थानीय कार्यबल आपूर्ति और उद्योग की मांग के बीच संरेखण सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे एमएसएमई सहित उद्योगों को रोजगार के लिए तैयार श्रमिकों तक पहुंचने में सुविधा होगी। पहली बार, यह योजना निरंतर आधार पर आईटीआई अपग्रेडेशन की योजना और प्रबंधन में गहन उद्योग संबंध स्थापित करने का प्रयास करती है।

इस योजना के तहत, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) सुविधाओं में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे का अपग्रेडेशन पांच एनएसटीआई में किया जाएगा, यानी भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना। इसके अलावा, 50,000 प्रशिक्षकों को सेवा-पूर्व और सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- Legend News

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