पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून को लेकर फैली हिंसा के बाद अब तक तनाव का माहौल है। केंद्रीय बलों की कई कंपनियां स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही है। बीते कुछ समय से राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की ओर बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर सीमा सुरक्षा बल यानी BSF पर आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसे में बीएसएफ ने सीएम ममता बनर्जी को जवाब दिया है और बांग्लादेश से जुड़ी सीमा पर अब तक हुए एक्शन के बारे में भी जानकारी दी है। 
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि बीएसएफ बांग्लादेशियों को प्रवेश की अनुमति देती है। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया था कि मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे दो या तीन राजनीतिक दलों के हिस्से और बीएसएफ के एक हिस्से के शामिल होने के इनपुट मिले हैं। कुणाल घोष ने कहा था कि बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से सीमा में सेंध लगाई गई। कुछ उपद्रवी घुस आए, अराजकता फैलाई और उन्हें वापस जाने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया गया। अब BSF ने आरोपों पर जवाब दिया है।
BSF ने क्या कहा?
ममता बनर्जी के बयान को लेकर BSF ने कहा है कि हमारी प्राथमिकता बॉर्डर को गार्ड करने की है और हम लगातार लोगों को घुसपैठ से रोकते हैं। इसके अलावा जो गैर कानूनी तरीके से बांग्लादेश जाना चाहते हैं उनको भी हम रोक कर पुलिस को गिरफ़्तार करने के लिए दिशा-निर्देश देते हैं। सिर्फ यही नहीं, बल्कि अगर कुछ तस्करी भी हो रही है तो उसको भी हम रोकते हैं।
BSF ने जारी किया डाटा
बीएसएफ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत-बांग्लादेश सीमा पर औपचारिक तौर पर 2023 में 5492 लोगों को घुसपैठ करने बांग्लादेश जाने से रोका गया। 2024 में ये आंकड़ा 5130 का था और 2025 में 31 मार्च तक 1127 लोगों को रोका गया है। बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच पश्चिम बंगाल में कुल 2216 किलोमीटर का इंटरनेशनल बॉर्डर है। 
BSF के मुताबिक अब तक भारत-बांग्लादेश पर कार्रवाई
2023- 5492 पकड़े गए
2024- 5130 पकड़े गए
31 मार्च 2025 तक- 1127 पकड़े गए
ममता ने बीएसएफ को जरूरी जमीन नहीं दी: शुभेंदु
भाजपा के नेता और पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि "भारत-बांग्लादेश सीमा पर 540 किलोमीटर क्षेत्र बिना बाड़ (फेंसिंग) के है क्योंकि ममता बनर्जी ने बीएसएफ को जरूरी जमीन नहीं दी। पीएफआई, सिमी तृणमूल के साथ हैं। ममता बनर्जी पूरी तरह से राष्ट्र विरोधी हैं। हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, उनके पास आश्रय नहीं है। हम विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर बंगाल में राष्ट्रपति शासन चाहते हैं।"
-Legend News

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