भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने अल्पसंख्यक समुदाय में जातियों की संख्या बढ़ाने पर कांग्रेस और ममता सरकार को बुरी तरह घेरा है। सुधांशु त्रिवेदी ने एक-एक गणित समझाकर दोनों पार्टियों से जवाब मांगा है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सबसे पहले जवाब दे कि कर्नाटक और तेलंगाना में अल्पसंख्यक समुदाय में इतनी भारी संख्या में जातियों को कैसे शामिल किया गया? अब इसके बारे में कोर्ट ने भी टिप्पणी की है। आखिर आप किसका हिस्सा मारना चाहते हैं?
बंगाल सरकार ने भारी संख्या में मुस्लिम लोगों को ओबीसी में शामिल किया
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जिस भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों कोओबीसी में शामिल किया है, उस पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इसके लिए पिछड़ा वर्ग आयोग ने बकायदा जवाब-तलब किया है। 1971 में 73 जातियां मुस्लिम समाज में थीं लेकिन अभी क्या हाल है? उन्होंने कहा कि इसके लिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब ओबीसी कमीशन ने इन लोगों से पूछा कि अल्पसंख्यक समुदाय में इतनी जातियां कैसे हो गईं तो इन लोगों ने कहा कि ये कन्वर्ट होने से पहले इस जाति के थे। फिर कोर्ट ने पूछा कि बंगाल में इतना जाति कनवर्जन कैसे हो गया। 
कन्वर्ट होने से पहले थे 71 लेकिन बाद में अधिक कैसे हो गए
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हम आप लोगों को एक और मजेदार बात बताते हैं। बंगाल सरकार ने लेटेस्ट जो कैबिनेट में चेंज किया है, उसमें, 141 जातियों को अल्पसंख्यक समुदाय में डाल दिया है। अब मजे की बात क्या है कि बंगाल सरकार के अनुसार हिंदू समाज में 71 ओबीसी जातियां हैं और मुस्लिम समाज में 100 से अधिक ओबीसी जातियां हैं। भाई, कन्वर्ट होने से पहले थे 71 तो कन्वर्ट होने के बाद 71 से ज्यादा कैसे हो गए। इससे साफ पता चलता है कि आरक्षण के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करके वे पिछड़े वर्गों का हिस्सा छीनने की कोशिश कर रहे हैं। 
राज्य सरकार जातिगत जनगणना कर ही नहीं सकती 
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इतने लंबे समय तक सरकार में रहने के बाद कम से कम कांग्रेस को ये टेक्निकल इश्यू समझना चाहिए कि जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन केंद्र सरकार के द्वारा होता है, राज्य सरकार जातिगत जनगणना कर ही नहीं सकती है, तो आप (कांग्रेस) किस राज्य के नोटिफिकेशन को दिखा रहे हैं? राज्य सिर्फ सर्वे कर सकती है। सर्वे को नोटिफाई करने का प्रोसीजर अलग है। ये स्वयं (कांग्रेस) जिस तेलंगाना राज्य का उदाहरण दे रहे हैं, पहली बात तो वहां सर्वे हो रहा है, सेंसस नहीं।
-Legend News

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