बर्कशायर हैथवे के प्रमुख अरबपति निवेशक और परोपकारी वॉरेन बफे ने कई फाउंडेशनों को 1.1 अरब डॉलर का अतिरिक्त दान दिया है। यह कदम उनके लंबे समय से चले आ रहे वादे को जारी रखता है, जिसके तहत वे अपने जीवनकाल में और उसके बाद धीरे-धीरे अपनी 150 बिलियन डॉलर की विशाल संपत्ति दान करेंगे। बर्कशायर हैथवे के शेयरधारकों को लिखे अपने नवीनतम पत्र में 94 वर्षीय बफे ने जीवन की अनिश्चितता पर गहन व्यक्तिगत विचार व्यक्त किए हैं और अपने निधन के बाद अपनी संपत्ति के वितरण की विस्तृत योजना साझा की है।
वॉरेन बफे का नवीनतम दान
बफे ने बर्कशायर हैथवे के 1,600 क्लास ए शेयरों को 2,400,000 क्लास बी शेयरों में बदलने की घोषणा की और इन्हें चार पारिवारिक संस्थाओं को वितरित करने का एलान किया। 
इन चार संस्थाओं में शामिल हैं
सुसान थॉम्पसन बफे फाउंडेशन (1,500,000 शेयर)
शेरवुड फाउंडेशन (300,000 शेयर)
हॉवर्ड जी. बफे फाउंडेशन (300,000 शेयर)
नोवो फाउंडेशन (300,000 शेयर)
इस दान से बफे की बर्कशायर क्लास ए शेयरों की हिस्सेदारी घटकर 206,363 रह गई है, जो 2006 में उनकी ओर से अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा दान करने के किए गए संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उस संकल्प के बाद से, वह पहले ही बर्कशायर में अपनी लगभग 57% हिस्सेदारी दान कर चुके हैं।
शेयरधारकों को लिखे पत्र में बफे ने जीवन और मृत्यु पर भी अपनी राय दी
पत्र में बफेट ने जीवन और मृत्यु से जुड़े अपने विचारों पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने "फादर टाइम" की अपरिहार्यता को स्वीकार किया। बफे ने अपनी पहली पत्नी सूसी के निधन को याद किया। उनका 2004 में निधन हो गया था। बफे के अनुसार दंपति के रूप में हम हमेशा मानते थे कि वह उनसे (बफे से) अधिक जीवित रहेंगी और उनकी संपत्ति के वितरण की देखरेख करेंगी, लेकिन परिस्थितियां बदल गईं। बफे ने लिखा, "समय की जीत हमेशा होती है। आज तक, मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूँ, लेकिन जल्द ही वह मेरे पास आ जाएगा।" बफे ने परोपकार पर अपनी संपत्ति के महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डाला और बताया है कि अब तक उनका सबसे बड़ा दान- लगभग 43 बिलियन डॉलर- बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दिया गया है।
बफे की वसीयत में किया गया बदलाव
बफ ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी वसीयत को अपडेट कर दिया है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी शेष 99.5% संपत्ति कैसे वितरित की जाएगी। उन्होंने अपने तीन बच्चों - सूसी, होवी और पीटर - पर भरोसा जताया कि वे बर्कशायर में उनकी होल्डिंग्स के क्रमिक वितरण को संभालेंगे। अरबपति ने पैतृक संपत्ति से बचने में अपना विश्वास साझा करते हुए कहा, "मैंने कभी कारोबार वंश के भरोसे आगे बढ़े या काम में बच्चों को आगे बढ़ाया जाए ऐसी कोई योजना नहीं बनाई।" हालांकि, बफेट ने इतनी बड़ी रकम को प्रभावी ढंग से खर्च करने की चुनौतियों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि इस धन को वितरित करने में उनके बच्चों के जीवनकाल से भी अधिक समय लग सकता है। इस समस्या को हल करने के लिए, उन्होंने तीन संभावित उत्तराधिकारी ट्रस्टियों का नाम लिया है। बफे की वसीयत में एक खास प्रावधान है जिसके अनुसार उनके बच्चों को उनकी संपत्ति के वितरण के बारे में सर्वसम्मति से निर्णय लेना होगा। उन्होंने बड़े पैमाने पर परोपकार के प्रबंधन में शामिल जटिलताओं और जोखिमों पर प्रकाश डालते हुए इसे समझाया, जहां महत्वपूर्ण मात्रा में धन वितरित करने वालों को चुनौतियों या शोषण का सामना करना पड़ सकता है।
माता-पिता के लिए बफे ने दिया यह संदेश
बफेट ने पत्र में कहा, "जब सूसी की मृत्यु हुई, तो उनकी संपत्ति लगभग 3 बिलियन डॉलर थी, जिसमें से लगभग 96% राशि हमारे फाउंडेशन को दी गई। इसके अतिरिक्त उन्होंने (सूसी ने) हमारे तीनों बच्चों में से प्रत्येक को 10 मिलियन डॉलर दिए, जो कि उनमें से किसी को भी दिया गया हमारा पहला बड़ा उपहार था। ये वसीयतें हमारे इस विश्वास को दर्शाती हैं कि अत्यधिक धनी माता-पिता को अपने बच्चों के लिए इतना छोड़ना चाहिए कि वे कुछ भी कर सकें, लेकिन इतना नहीं कि वे कुछ भी न कर सकें।" बफे ने अपने पत्र में माता-पिता को सलाह दी कि वे अपनी वसीयत के बारे में अपने बच्चों से खुलकर बात करें। उन्होंने लिखा, "जब आपके बच्चे बड़े हो जाएं, तो उन्हें अपनी वसीयत पढ़कर सुनाएं और फिर उस पर हस्ताक्षर करें।" उन्होंने परिवारों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि बच्चे उनके निर्णयों के पीछे के कारणों को समझें तथा उन जिम्मेदारियों के लिए तैयार रहें जिनका वे सामना कर सकते हैं। 
-Legend News

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