रिपोर्ट : LegendNews
बांग्लादेश की टीम का भारत दौरा, दो टेस्ट मैच की सीरीज से पहले बॉल पर बवाल
पाकिस्तान के खिलाफ 2-0 से टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रचने वाली बांग्लादेशी टीम के सामने अगला चैलेंज भारत का है। बांग्ला टाइगर्स का 19 सितंबर से भारत दौरा शुरू हो जाएगा। मगर दो टेस्ट मैच की इस सीरीज से पहले बांग्लादेशी खेमा टेंशन में है। और बांग्लादेश की इस टेंशन की वजह गेंद है। जी हां! बिलकुल ठीक सुना आपने बांग्लादेशी टीम भारत में लाल रंग की ‘एसजी टेस्ट बॉल’ से डर रही है। बांग्लादेश को वैसे भी कूकाबुरा बॉल से खेलने की आदत है जबकि पाकिस्तान दौरे पर भी उसने कूकाबुरा बॉल से ही इतिहास रचा था। ऐसे में ये समझना जरूरी हो जाता है कि भारत दौरे से पहले बॉल का बवाल कितना अहम है।
क्या फर्क है एसजी और कूकाबुरा बॉल में
इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में एसजी बॉल, कूकाबुरा बॉल और ड्यूक बॉल का इस्तेमाल किया जाता है। हर देश अपनी पसंद के हिसाब से टेस्ट मैचों में इन गेंदों का इस्तेमाल करता है। जैसे एसजी गेंद सिर्फ भारत में इस्तेमाल होती है। जबकि कूकाबुरा का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान, श्रीलंका और जिम्बाब्वे करती हैं जबकि ड्यूक बॉल इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में खेली जाती है। खास बात यह है कि एसजी गेंद भारत में बनाई जाती है, कूकाबुरा का प्रोडक्शन ऑस्ट्रेलिया में होता है और ड्यूक गेंद का उत्पादन इंग्लैंड में होता है। अगर एसजी और कूकाबुरा के बीच के अंतर की बात की जाए तो दोनों में मुख्य अंतर सिलाई का होता है। जहां एक ओर एसजी बॉल की सिलाई हाथ से की जाती है, वहीं कूकाबुरा की सिलाई मशीन से होती है।
भारत में एसजी बॉल ही क्यों जरूरी
मशीन की सिलाई की वजह से गेंद को सीम मूवमेंट ज्यादा नहीं मिलती। हाथ से सिलाई होने की वजह से एसजी की सीम ज्यादा उभरी हुई होती है और इस कारण सीम मूवमेंट भी ज्यादा मिलती है। भारत में पिचें ज्यादा खुरदुरी होती हैं, जिस वजह से एसजी जैसी गेंद चाहिए होती है, जो लंबे समय तक शेप न गंवाए। एशियाई पिचों पर एसजी गेंद के साथ रिवर्स स्विंग भी अन्य गेंद के मुकाबले ज्यादा मिलती है जबकि कूकाबुरा की गेंद उछाल भरी पिच के लिए उपयुक्त होती हैं।
एसजी के सामने बांग्लादेश करता है संघर्ष
भारत के खिलाफ आमतौर पर कमजोर प्रदर्शन करने वाली बांग्लादेश टीम का भारतीय पिच पर प्रदर्शन और कमजोर हो जाता है। दोनों टीमों ने आपस में कुल 13 मैच खेले हैं, जहां बांग्लादेशी बल्लेबाजों का औसत 22.07 का रहा है। जैसे ही यह बल्लेबाज भारतीय पिच पर एसजी गेंद का सामना करते हैं तो इन बल्लेबाजों का औसत गिर कर 20.67 का रह जाता है। वहीं, अगर आंकड़ों को और खंगालें तो भारतीय पिच पर पेसर्स का सामना करते हुए बांग्लादेश के बल्लेबाजों का औसत सिर्फ 17.29 का रह जाता है। यह 2002 के बाद से भारतीय दौरे पर 2 या 2 से ज्यादा मैच खेलने वाली किसी भी टीम के बीच सबसे कम औसत है।
-Legend News
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