बांग्लादेश में सरकार ने आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा को काबू करने के लिए देशव्यापी कर्फ्यू का एलान किया है. बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान हिंसा में अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
बांग्लादेश में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को सरकारी नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण के ख़िलाफ़ छात्रों और युवाओं का आंदोलन चल रहा है. लेकिन इस आंदोलन ने अब हिंसक रुख़ अख़्तियार कर लिया है. 
राजधानी ढाका समेत कई शहरों में पिछले कुछ दिनों से जारी हिंसा के देखते हुए सुरक्षाबलों की बड़ी पैमाने पर तैनाती की गई है.
कई जगहों पर पुलिस और आंदोलनकारियों में झड़पें हुई हैं. लेकिन शुक्रवार को नरसिंगड़ी में एक जेल पर हमला करके सैकड़ों कैदियों को छुड़ाए जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने देशव्यापी कर्फ्यू का एलान कर दिया.
सरकार के प्रेस सचिव नईमुल इस्लाम ख़ान ने कहा कि कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए अब सेना को उतारा जाएगा. 
भारत ने अपने छात्रों के लिए जारी की एडवाइजरी 
हिंसा और अशांति के मद्देनज़र भारत के विदेश मंत्रालय ने वहां रह रहे भारतीय छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
एडवाइजरी में छात्रों को बांग्लादेश में यात्रा ना करने को कहा गया है. उन्हें कहा गया है कि वो घरों से बाहर ना निकलें.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट कर जानकारी दी है कि भारतीय उच्चायोग ने छात्रों की मदद के लिए 24 घंटे काम करने वाले इमरजेंसी नंबर भी जारी किए हैं. 
ढाका में भारतीय उच्चायोग स्थानीय प्रशासन से संपर्क बनाए हुए है ताकि स्वदेश लौटने वाले छात्रों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जा सके.
भारतीय उच्चायोग बीएसपी और ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के साथ तालमेल बैठा कर काम कर रहा है ताकि भारत लौटने वाले छात्रों को जरूरी सहूलियतें हासिल हो सकें.
-Legend News

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