दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर ब्रिटेन में रहने वाले आर्म्स कंसल्टेंट संजय भंडारी को शनिवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत यह आदेश जारी किया। 
ईडी के अनुसार भंडारी 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। उसके प्रत्यर्पण की भारत की याचिका को हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने खारिज कर दिया था। ईडी ने आयकर विभाग द्वारा 2015 के काला धन निरोधक कानून के तहत उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए फरवरी 2017 में भंडारी और अन्य के खिलाफ धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने 2020 में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। 
अब दिल्ली की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका को स्वीकार करते हुए ब्रिटेन स्थित हथियार डीलर संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है। विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने यह आदेश पारित किया है। इससे पहले, संजय भंडारी के वकील ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उसे 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित करने की याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि ब्रिटेन में उसका निवास वैध है क्योंकि लंदन उच्च न्यायालय ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने से इंकार कर दिया है।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि संजय भंडारी की अघोषित विदेशी संपत्ति का मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक है। एजेंसी ने तर्क दिया कि भंडारी को प्रत्यर्पित करने से यूके की अदालत के इनकार का मौजूदा कार्यवाही पर कोई असर पड़ेगा, क्योंकि ये स्वतंत्र प्रकृति के हैं और भगोड़े आर्थिक अपराधी (एफईओ) अधिनियम के तहत शुरू किए गए हैं। ईडी ने आगे कहा कि भंडारी ने जानबूझकर कानून की उचित प्रक्रिया से परहेज किया है और यह मामला काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिनियम के उल्लंघन से पैदा हुआ है। 
-Legend News

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