सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों ARDB से कहा कि वे सिंचाई परियोजनाओं और अन्य अवसंरचनाओं समेत कृषि क्षेत्र को लंबी अवधि के और कर्ज देने पर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को देश में सिंचिंत भूमि को बढ़ाने के उद्देश्य से कर्ज प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए। 
शाह ने कहा कि छोटे किसानों के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सहकारी बैंकों को इस बारे में सोचना चाहिए कि सहकारिता की भावना के साथ इस तरह के छोटे खेतों में किस तरह काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत में 49.4 करोड़ एकड़ कृषि भूमि है, जो अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा है। यदि पूरी कृषि भूमि को सिंचित किया जाए तो भारत पूरी दुनिया का पेट भर सकता है।
एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘यदि आप पीछे मुड़कर देखेंगे और सहकारिता संस्थानों के जरिए दीर्घकालिक ऋण की पिछले 90 वर्ष की यात्रा पर गौर करेंगे कि यह कैसे कम हुआ है तो आंकड़ों को देखने पर पाएंगे कि यह बढ़ा ही नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक ऋण में कई बाधाएं हैं और अब समय आ गया है कि सहकारिता की भावना के साथ इन अवरोधकों से पार पाया जाए।
शाह ने कहा कि सहकारिता बैंकों को केवल बैंकों के तौर पर काम नहीं करना चाहिए बल्कि सिंचाई जैसी कृषि अवसंरचना की स्थापना जैसी अन्य सहकारी गतिविधियों पर भी ध्यान देना चाहिए।
Compiled: Legend News

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