रिपोर्ट : LegendNews
एआर रहमान और डायरेक्टर मणिरत्नम मुझे वास्तव में पसंद नहीं करते: बाबा सहगल
बाबा सहगल कौन भला कौन भूल सकता है? 90s के सुपरहिट पॉप स्टार और सिंगर रहे बाबा सहगल ने तब म्यूजिक इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था। उन्हें भारत का पहला रैपर बताया जाता है। लेकिन बाबा सहगल अचानक ही बॉलीवुड से गायब हो गए। अब वह एक बार फिर चर्चा में हैं। बाबा सहगल ने हाल ही एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें बताया है कि वह कहां थे और कैसे बॉलीवुड उनसे बुरी तरह घबरा गया था। बाबा सहगल ने यह भी कहा कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें जो इज्जत और सम्मान दिया, वह बॉलीवुड से नहीं मिला। उन्होंने सिंगर एआर रहमान के बारे में भी एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
बाबा सहगल ने बताया कि तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री उनकी जंगदाता है। बॉलीवुड उनसे काफी इन्सिक्योर था। पॉप सिंगर ने यह भी खुलासा किया कि साल 1998 में उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकी मिली थी।
साउथ फिल्म इंडस्ट्री और बॉलीवुड पर बोले बाबा सहगल
बाबा सहगल ने साउथ और बॉलीवुड को लेकर कहा, 'साउथ ने मुझे गंभीरता से लिया। मैंने 250 से ज्यादा तेलुगू फिल्मी गाने, 35-40 तमिल गाने और 25 से ज्यादा कन्नड़ गाने गाए हैं। सिर्फ रैप ही नहीं, मुझे लगता है कि तेलुगू इंडस्ट्री मेरी जंगदाता है। बॉलीवुड शुरू से ही मुझे लेकर बहुत इन्सिक्योर था।'
बाबा सहगल की सफलता से असहज थे हिंदी म्यूजिक वाले
बाबा सहगल ने आगे कहा, 'म्यूजिक डायरेक्टर्स मुझे बुलाते थे, लेकिन शायद उन्हें मेरी बॉडी लैंग्वेज या मेरे बोलने का तरीका पसंद नहीं आता था। शायद मैं बहुत ज्यादा खुलकर बात करता था।' बाबा सहगल 1990 के दशक में 'ठंडा ठंडा पानी' जैसे हिट इंडीपॉप गानों से मशहूर हो गए थे। लेकिन उनका मानना है कि नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से होने के बाद उन्होंने जो सफलता हासिल की, उसने हिंदी फिल्म म्यूजिक सर्किट को असहज कर दिया था।
सुनाया 'रुकमणि रुकमणि' गाने का वाकया
बाबा सहगल ने फिर मणिरत्नम की फिल्म 'रोजा' के गाने 'रुकमणि रुकमणि' को लेकर बात की। साल 1992 में आई फिल्म के लिए इस गाने को एआर रहमान ने कंपोज किया था। पर इस गाने में बाबा सहगल का काम करने का एक्सपीरियंस अच्छा नहीं रहा। साथ ही बताया कि मणिरत्नम और एआर रहमान उन्हें पसंद नहीं करते थे।
बताया कैसे मिला 'रुकमणि' का हिंदी वर्जन गाने का मौका
बाबा सहगल ने बताया कि कैसे चेन्नई में एक परफॉर्मेंस के दौरान तमिल गाने के हिंदी वर्जन के लिए उन्हें अप्रोच किया गया था। वह बोले, 'मेरा चेन्नई में एक शो था। आयोजन टीम के किसी व्यक्ति ने मुझे बताया कि कोई डायरेक्टर मुझसे मिलना चाहता है। वहां एक असिस्टेंट डायरेक्टर था, जिसने मुझे 'रुक्मणी रुक्मणी' का तमिल वर्जन बजाकर सुनाया। मैंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और बस गाने के लिए 'हां' कह दिया। एआर रहमान भी वहां थे। वह उस समय बहुत यंग थे।'
'मैं समझ गया रहमान और मणिरत्नम मुझे पसंद नहीं करते'
बाबा सहगल के मुताबिक, बाद में एआर रहमान अपनी टीम के साथ उनके होटल पहुंचे थे और उस गाने को रिलीज करने के लिए मदद मांगी थी। बाबा सहगल ने फिर कहा, 'मैंने अपने दोस्त अतुल को फोन किया और उन्हें मैग्नस साउंड के शशि गोपाल का नंबर दिया। उन्होंने संपर्क किया और इस शर्त पर 'रुकमणि रुकमणि' गाने का एक हिंदी वर्जन बनाने का फैसला किया कि उसे मैं गाऊंगा। तब मुझे समझ में आया कि एआर रहमान और डायरेक्टर मणिरत्नम मुझे वास्तव में पसंद नहीं करते।'
बाबा सहगल ने 'रुकमणि' के हिंदी लिरिक्स को बताया 'वाहियात'
लेकिन जब बाबा सहगल को 'रुकमणि रुकमणि' गाने के हिंदी लिरिक्स मिले, तो वह हैरान रह गए। उन्होंने उन लिरिक्स को 'चीप' बताया और बोले, 'जब मैंने हिंदी लिरिक्स देखे तो लगा कि कितने वाहियात लिरिक्स हैं यार? किसने लिखा है ये? समस्या यह है कि जब हम किसी दूसरी भाषा में गाने सुनते हैं तो वो अच्छे लगते हैं लेकिन अपनी भाषा में हम उनका मतलब समझ लेते हैं। मुझे नहीं लगता कि रहमान या मणिरत्नम को उन हिंदी लिरिक्स का मतलब पता था।'
वो एआर रहमान संग आखिरी गाना, दोबारा कभी नहीं मिला
लेकिन आपत्ति के बावजूद बाबा सहगल ने वह गाना गाया। पर बाद में उन्हें पता चला कि मेकर्स उस गाने को गाने के लिए पहले क्लासिकल सिंगर्स को लेना चाहते थे। पर बाबा सहगल ने कहा कि वह जबरदस्ती की गई चीज थी, जिससे वह सहमत नहीं थे। उस गाने के लिरिक्स बहुत घटिया थे। बाबा सहगल ने फिर कहा कि एआर रहमान के साथ 'रुकमणि रुकमणि' उनका आखिरी गाना था। भाषा की दिक्कत थी, और फिर वो दोनों कभी नहीं मिले।
-Legend News
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