रिपोर्ट : LegendNews
बलूच विद्रोहियों की एक कार्रवाई से पूरे पाकिस्तान में हड़कंप: CPEC पर चीन का निवेश खतरे में
पाकिस्तान के हिंसाग्रस्त बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को बलूच विद्रोहियों की एक कार्रवाई ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले सशस्त्र विद्रोही गुट बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के हथियारबंद सदस्यों ने क्वेटा से पेशावर जाने वाली एक ट्रेन पर हमला करके उसे हाईजैक कर लिया। दक्षिण एशिया में ट्रेन पर हमला करके उसे हाईजैक करने की यह पहली घटना है। इस घटना में कम से कम 20 पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की मौत हुई और 400 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया।
बाद में विद्रोहियों ने बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों समेत कई नागरिकों को रिहा कर दिया, लेकिन सैन्य कर्मियों समेत करीब 200 से ज्यादा लोग अभी भी कब्जे में हैं। बीएलए ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि बलूच लिबरेशन आर्मी ने मश्कफ, धादर और बोलन में सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध ऑपरेशन किया है, जहां हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया, जिससे जाफर एक्सप्रेस को रुकना पड़ा। लड़ाकों ने तुरंत ट्रेन पर नियंत्रण कर लिया और सभी यात्रियों को बंधक बना लिया।
चीन के सीपीईसी के लिए खतरा
इस अभियान को बलूचिस्तान क्षेत्र में चलने वाले सीपीईसी प्रोजेक्ट और ग्वादर बंदरगाह के लिए बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही में बलूचिस्तान की आजादी के समर्थक सशस्त्र समूहों के गठबंधन बलूच राजी आजोई संगर (BRAS) ने अपनी सैन्य और कूटनीतिक रणनीति के बड़े पुनर्गठन की घोषणा की थी। इसमें कहा गया था कि वह अपनी सेनाओं को एक केंद्रीकृत कमान के तहत एकजुट करेगा और बलूचिस्तान में पाकिस्तान और चीन के खिलाफ अभियान तेज करेगा।
ग्वादर में चीन का निवेश खतरे में
इस हमले का बलूचिस्तान से गुजरने वाले चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह में चीन ने भारी निवेश किया है। यह 62 अरब डॉलर वाले महत्वपूर्ण सीपीईसी का एंट्री पॉइंट है लेकिन कुछ वर्षों से बलूच समूह सीपीईसी और ग्वादर को निशाना बना रहा है। बलूच अलगाववादियों का तर्क है कि चीन इस प्रांत को अपना उपनिवेश बना रहा है।
पाकिस्तान मामलों के विशेषज्ञ तिलक देवाशर ने ET को बताया, 'BLA द्वारा ट्रेन को हाईजैक करना बलूचिस्तान में उग्रवाद का गंभीर रूप है। यह कुछ समय पहले बलूच लड़ाकों द्वारा की गई घोषणा के बाद हुआ है कि वे अपनी कार्रवाइयों का समन्वय करेंगे और एकजुट होकर लड़ेंगे। यह कार्रवाई की एकता का पहला संकेत है। बंधकों की स्थिति को सुलझाने में पाकिस्तानी सेना को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।'
-Legend News
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