अक्षय कुमार की फिल्म 'सरफिरा' 12 जुलाई को थिएटर्स में रिलीज होगी। इसका क्लैश कमल हासन की मूवी 'इंडियन 2' से होगा। देखना दिलचस्प होगा कि कौन बाजी मारता है और कौन पस्त होता है। हालांकि उसमें वक्त है। फिलहाल अक्षय की मूवी को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट भी दे दिया है और इसमें कुछ बदलाव करने के लिए भी कहा है। इतना ही नहीं, मेकर्स को ये भी बताना होगा कि फिल्म वास्तविक घटना पर आधारित है। और सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स भी देने होंगे। 
'बॉलीवुड हंगामा' की रिपोर्ट के मुताबिक 'सिरफिरा' को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से U यानी यूनिवर्सल सर्टिफिकेट मिला है। वहीं फिल्म में इस्तेमाल की गई गालियों को उचित शब्दों से बदल दिया गया है। साथ ही मेकर्स को एक डिक्लेरेशन भी देना था। जिसमें बताना था कि ये फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। साथ ही उसके सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स भी देने थे। 
'सरफिरा' के मेकर्स ने दिया स्पष्टीकरण
मेकर्स ने डिक्लेरेशन दिया और उस सीन को आगे समझाया है, जहां अक्षय कुमार के किरदार वीर म्हात्रे, पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से मिलते हैं। इसके अलावा उन्होंने देश के उद्योगपतियों औ ब्रांड्स के नामों का इस्तेमाल करने के तरीके पर भी क्लैरिफिकेशन दिया है। इतना ही नहीं, इस डिक्लेरेशन के साथ मेकर्स ने रक्षा मंत्रायल का एक NOC भी अटैच किया। 
'सोरारई पोटरु' से 6 मिनट लंबी है 'सरफिरा'
CBFC के सदस्यों के संतुष्ट होने के बाद उन्होंने 4 जुलाई को ही फिल्म को पास कर दिया। सेंसर सर्टिफिकेट के मुताबिक ये मूवी 155 मिनट की है। यानी 2 घंटे 35 मिनट की जबकि 2020 में आई 'सोरारई पोटरु' जिसमें सूर्या थे, वो 2 घंटे 29 मिनट की थी। यानी इसका हिंदी रीमेत 6 मिनट लंबा है। और तो और 'सोरारई पोटरु' का हिंदी डब वर्जन 'उड़ान', इससे भी छोटा है, जिसकी अवधि 2 घंटे और 21 मिनट है।
-Legend News

मिलती जुलती खबरें

Recent Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your Phone will not be published. Required fields are marked (*).