दिल्ली आर्ट गैलरी में ‘हुसेन: द टाइमलेस मॉडर्निस्ट’ नामक चित्र प्रदर्शनी में हिंदू-विरोधी चित्रकार एम.एफ. हुसैन द्वारा रेखांकित किए गए हिंदू देवी-देवताओं के नग्न और आपत्तिजनक चित्र प्रदर्शित किए गए थे। हिंदू जनजागृति समिति ने इन आपत्तिजनक चित्रों को तुरंत हटाने और दिल्ली आर्ट गैलरी के संचालकों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी। इस संदर्भ में समिति की ओर से अधिवक्ता अमिता सचदेवा ने 9 दिसंबर को संसद मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद आयोजकों ने उक्त आपत्तिजनक चित्रों को रातों-रात हटा दिया । हमारी शिकायत के बाद देवताओं के चित्र हटा दिए गए, यह एक सफलता है। लेकिन जब तक आयोजकों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, ऐसा हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री नरेंद्र सुर्वे ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि यह सफलता धर्मयोद्धा अधिवक्ताओं, हिंदू जनजागृति समिति और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के संगठित प्रयास का परिणाम है।

हालांकि आयोजकों ने पुलिस के सामने यह दावा किया कि "ऐसे चित्र वहां नहीं थे", लेकिन उन चित्रों की तस्वीरें और अन्य सबूत हमारे पास हैं। आयोजकों ने जानबूझकर अपना अपराध छिपाने के लिए रातों-रात चित्र हटाकर सबूत नष्ट करने का प्रयास किया। इस संदर्भ में दूसरी शिकायत भी हिंदू जनजागृति समिति ने संसद मार्ग पुलिस थाने में की है और प्रदर्शन स्थल के सीसीटीवी फुटेज जब्त करने की मांग की है।

इस चित्र प्रदर्शनी में एक चित्र में भगवान श्री गणेश की गोद में एक नग्न महिला (संभवतः रिद्धि/सिद्धि) को बैठा दिखाया गया है। दूसरे चित्र में भगवान हनुमान एक नग्न महिला (संभवतः सीता माता) को एक हाथ में पकड़कर उड़ते हुए दिख रहे हैं। वहीं, एक अन्य चित्र में बिना सिर वाले भगवान शिव की गोद में एक नग्न महिला को बेहद आपत्तिजनक तरीके से दर्शाया गया है। ये चित्र हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने वाले हैं। समिति ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (ए) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के तहत आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। श्री सुर्वे ने कहा कि अगर यह अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों के साथ हुआ होता, तो दिल्ली में ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगते और दंगे होते।

इससे पहले भी हिंदू-विरोधी चित्रकार एम.एफ. हुसैन ने भारत माता और हिंदू देवताओं के नग्न और अश्लील चित्र बनाकर करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया था। उनके खिलाफ देशभर में 1250 से अधिक पुलिस शिकायतें दर्ज की गई थीं। इसके बाद हुसैन देश छोड़कर भाग गए और 2011 में उनका निधन हो गया।

दिल्ली आर्ट गैलरी के इस संघर्ष में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मकरंद अडकर, अधिवक्ता शांतनु, अधिवक्ता केसरी, अधिवक्ता विक्रम, अधिवक्ता यादवेंद्र, सनातन स्वाभिमान सभा के अध्यक्ष ब्रिजेश शर्मा और समिति के प्रवक्ता श्री नरेंद्र सुर्वे शामिल थे।
- Legend News

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