नवरात्रि के दौरान ऑटो कंपनियों ने रेकॉर्ड बुकिंग की है। जीएसटी कटौती के कारण कार और टू-व्‍हीलर कंपनियों की बिक्री के सारे रेकॉर्ड टूट गए हैं लेकिन अब इन कंपनियों को एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर ग्राहक धनतेरस और दीवाली के मौके पर नई गाड़ी की डिलीवरी लेना चाहते हैं लेकिन कंपनियों के लिए त्योहारों के दौरान ग्राहकों को गाड़ियों की समय पर डिलीवरी देना सिरदर्द बन गया है।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि उनके पास ट्रकों और ट्रेलरों की भारी कमी है। इसके अलावा रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से भी उत्पादन में देरी कर रही है। चीन से पहले भरोसा दिया था कि सप्लाई सामान्य हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे खासकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों और दोपहिया वाहनों का उत्पादन धीमा हो गया है। 
सभी सेक्टर्स में हाई डिमांड
एक रिपोर्ट के मुताबिक उद्योग के अधिकारियों ने बताया कि डिलीवरी की मांग अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गई है। यह मांग सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर में ही नहीं, बल्कि FMCG, ई-कॉमर्स, फैशन और लाइफस्टाइल जैसे सभी क्षेत्रों में देखी जा रही है। इस वजह से ट्रक उद्योग पर बहुत दबाव आ गया है। ट्रकों का बेड़ा पूरे देश में सामान पहुंचाने के लिए दिन-रात लगातार काम कर रहा है। इंडस्ट्री के एक जानकार ने कहा कि इसमें दिवाली के आसपास उपहारों की सामान्य भीड़ को भी जोड़ दें तो आपके सामने एक ऐसी समस्या है जिसे हल करना लगातार बहुत मुश्किल होता जा रहा है। 
महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव डिवीजन के CEO नलिनिकांत गोल्लागुंटा ने कहा कि त्योहारी मांग में बढ़ोत्तरी के कारण ट्रेलरों की उपलब्धता पर काफी दबाव पड़ा है। हम इन मुश्किलों के बावजूद अपने डीलर नेटवर्क तक गाड़ियों की डिलीवरी बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कंपनी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि ग्राहकों तक गाड़ियां समय पर पहुंचे। 
मारुति की समस्या
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति कंपनी भी इसी तरह की समस्या झेल रही है। GST कम होने के बाद उनकी छोटी कारों की मांग में बहुत तेजी आई है, जिससे ऑर्डर बढ़ गए हैं। मारुति सुजुकी के मार्केटिंग और सेल्स के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पार्थो बनर्जी ने कहा, हमारे पास 2.5 लाख गाड़ियों की डिलीवरी बाकी है और ज्यादातर लोग इसे दिवाली के आसपास ही चाहते हैं। हम ओवरटाइम काम कर रहे हैं और अब रेलवे का भी इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि डिलीवरी तेजी से और समय पर हो सके।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के चीफ कमर्शियल ऑफिसर अमित कामत ने बताया कि ट्रेलरों और ट्रकों की मांग 22 सितंबर के बाद अचानक बढ़ गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि GST की नई दरें लागू हो गईं थीं। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह बढ़ोतरी अस्थायी है और हम डिलीवरी को तेजी से भेजने के लिए लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स के साथ काम कर रहे हैं। चुनौतियों के बावजूद हम दिवाली समारोहों के लिए समय पर अपने डीलरशिप तक डिलीवरी पहुंचाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।"
रेयर अर्थ मैग्नेट का मुद्दा
BMW जैसी लग्जरी गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों को भी इस अचानक बढ़ी मांग से परेशानी हो रही है। BMW ग्रुप इंडिया के प्रेसिडेंट और CEO हरदीप सिंह बरार ने कहा कि ग्राहक धनतेरस और दिवाली पर डिलीवरी लेना पसंद करते हैं। इस साल इन खास दिनों पर डिलीवरी की मांग बहुत ज्यादा है क्योंकि अगस्त-सितंबर से रुकी हुई मांग भी अब सामने आ रही है। जब अचानक रुकावटें दूर हुईं, तो शुरुआत में कुछ लॉजिस्टिक्स चुनौतियां थीं, लेकिन अब वे व्यवस्थित हो गई हैं। 
टू-व्‍हीलर इंडस्ट्री के लिए भी स्थिति ऐसी ही है। लॉजिस्टिक्स की समस्या के अलावा इन कंपनियों को मैग्नेट की कमी भी सता रही है। एक प्रमुख कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि खुदरा कीमतों में कटौती का मतलब है कि स्कूटर और मोटरसाइकिलों की मांग में अचानक तेजी आई है। रेयर अर्थ मैग्नेट का मुद्दा उत्पादन में बाधा डाल रहा है। बुकिंग में अचानक आई तेजी से डिलीवरी पर दबाव पड़ रहा है। कंपनियां इस चुनौती से निपटने की पूरी कोशिश कर रही हैं। 
-Legend News

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