रिपोर्ट : LegendNews
रेवड़ी कल्चर पर तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से मांगे सुझाव, 22 अगस्त तक का समय दिया
रेवड़ी कल्चर को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान देश की सर्वोच्च अदालत ने सभी पक्षों का तर्क सुना। अब कोर्ट ने इन सभी पक्षों से उनके सुझाव मांगे हैं। कोर्ट अब इस मामले पर अपने सुझाव देने के लिए सोमवार यानी 22 अगस्त तक का समय दिया है। सोमवार को शीर्ष अदालत इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है। मामले की सुनवाई सीजेआई एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच कर रही है। इसमें जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं। हालांकि सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने एक बार फिर विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने कहा कि पहले अन्य के सुझाव पर भी गौर करेंगे उसके बाद ही इससे संबंधित कोई फैसला सुनाया जाएगा।
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि सवाल ये है कि वैध वादा क्या है? क्या मुफ्त रेवड़ी है और क्या वो कल्याणकारी राज्य के लिए ठीक है? उन्होंने कहा कि 'हम राजनीतिक दलों को वादे करने से नहीं रोक सकते। सवाल यह है कि सही वादे क्या होते हैं! क्या हम मुफ्त शिक्षा के वादे को एक मुफ्त के रूप में वर्णित कर सकते हैं? क्या मुफ्त पेयजल, शक्तियों की न्यूनतम आवश्यक इकाइयों आदि को मुफ्त में वर्णित किया जा सकता है?
क्या उपभोक्ता उत्पाद और मुफ्त इलेक्ट्रॉनिक्स, कल्याण के रूप में वर्णित? अभी चिंता यह है कि जनता के पैसे खर्च करने का सही तरीका क्या है। कुछ लोग कहते हैं कि पैसा बर्बाद हो गया है, कुछ लोग कहते हैं कि यह कल्याण है। मुद्दे तेजी से जटिल हो रहे हैं।'
इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा, 'जो याचिका के पक्ष में हैं या खिलाफ हैं, वो अपना-अपना सुझाव दें।' इन सुझावो पर गौर करने के बाद ही कुछ टिप्पणी की जाएगी।
सुनवाई से पहले आम आदमी पार्टी ने भी सर्वोच्च अदालत में हलफनामा दाखिल किया। इस मुद्दों पर विचार के लिए विशेषज्ञ कमेटी के गठन की मांग का विरोध किया। आप ने हलाफनमे में कहा कि, चुनावी भाषणों पर कार्यकारी या न्यायिक रूप से प्रतिबंध लगाना संविधान के अनुच्छेद 19 1A के तहत फ्रीडम ऑफ स्पीच की गारंटी के खिलाफ है।
केंद्र सरकार ने कोर्ट में रखी ये दलीलें
मुफ्त योजनाओं वाले मामले में पिछले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में अपनी दलीलें अदालत में रखीं। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि, वह एक समिति का प्रस्ताव कर रहे हैं, जिसमें सचिव, केंद्र सरकार, प्रत्येक राज्य सरकार के सचिव, प्रत्येक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, नीति आयोग के प्रतिनिधि, आरबीआई, वित्त आयोग और राष्ट्रीय करदाता संघ और शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अब तक क्या कहा?
मुफ्त योजनाओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी टिप्पणी की गई थी। दरअसल इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की पीठ कर रही है।
अब तक सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार, याचिकाकर्ता और वकील कपिल सिब्बल से मामले को लेकर सुझाव मांग चुका है। कोर्ट ने इसके लिए सात दिन का समय दिया था।
सरकारी खजाने को नुकसान
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि चुनाव में मुफ्त की योजनाओं से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचता है। कोर्ट ने भारत सरकार और चुनाव आयोग से ऐसी योजनाओं पर विचार करने के लिए कहा था।
-Compiled by Legend News
Recent Comments
Ashely
2022-08-19 06:42:26
ในยุคนี้ มั่นใจว่าทุกท่านนั้นต้องประสบพบเจอกับปัญหาว่างงานหรือมีปัญหาเรื่องของการเงินอย่างแน่นอน เนื่องจากไม่ว่าจะเป็นเศรษฐกิจที่เสื่อมถอย ไม่อาจจะปฏิบัติงานหารายได้ วันนี้ทางเว็บสล็อตแท้มีวิธีการหาเงินกล้วยๆกับการเล่นสล็อตออนไลน์ที่เป็นเกมออนไลน์หารายได้ได้จริง สามารถหารายได้ออนไลน์ได้ทุกแห่งทั้งวัน 24 ชั่วโมง ซึ่ง g2gbk8 เป็นเว็บสล็อตเว็บตรงไม่ผ่านเอเย่นต์มีมั่นคงถูกต้องตามกฎหมายคาสิโนสากล รับประกันจากผู้เล่นจริงทั่วทั้งประเทศ ทุกคนสามารถหารายได้กล้วยๆ โดยทาง g2gbk8 นั้นมีค่ายเกมเว็บตร