एससी/एसटी एक्ट: केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर जांच में जरूरत हो तो गिरफ्तारी की जाए
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट पर दिए गए आदेश को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आज कहा है कि अगर जांच में जरूरत हो तो गिरफ्तारी की जाए। शीर्ष कोर्ट उस याचिका की सुनवाई कर रहा है जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून को लेकर दिए फैसले पर केंद्र सरकार ने पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार के अलावा इस मामले में 4 राज्यों ने भी पुनर्विचार याचिका दायर की है।
एससी/एसटी कानून के तहत तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगाने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग करते हुए केंद्र ने 2 अप्रैल को कोर्ट का रुख किया था।
जानकारी के अनुसार इससे पहले अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने मामले से जुड़े लिखित दस्तावेज कोर्ट में दाखिल कर दी हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर जज ए. के. गोयल और दीपक गुप्ता की संवैधानिक पीठ मामले की सुनवाई करेगी।
वेणुगोपाल ने पीठ से कहा, अदालत की मांग पर हमने लिखित दस्तावेज जमा कर दिए हैं। चार राज्यों ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। जिसके बाद न्यायमूर्ति गोयल मामले की सुनवाई के लिए 3 मई की तारीख तय की। एससी/एसटी कानून के तहत तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगाने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग करते हुए केंद्र ने दो अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
गौरतलब है कि 20 मार्च को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीड़न निरोधक कानून के तहत आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
सरकार ने भी हर पहलू पर विचार के बाद दो अप्रैल को इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। सरकार की ओर से यह भी संकेत दिया जा चुका है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख नहीं बदला तो फिर अध्यादेश लाकर भी पुराने कानून को स्थापित किया जा सकता है।
-एजेंसी