कश्मीर valley में सालों से बंद पड़े मंदिरों को खोलने की तैयारी
बेंगलुरु। जम्मू-कश्मीर को अस्थाई तौर पर मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने और सूबे के 2 केंद्रशासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठन के बाद अब केंद्र सरकार valley में सालों से बंद पड़े मंदिरों को खोलने की तैयारी में है।
गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा कि सरकार valley में बंद पड़े मंदिरों का सर्वे करा रही है।
गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने कहा, ‘हमने कश्मीर घाटी में बंद पड़े मंदिरों का सर्वे कराने के लिए एक कमेटी का गठन किया है जिससे उन्हें दोबारा खोला जा सके।
पिछले कुछ सालों में करीब 50 हजार मंदिर बंद हुए हैं, जिनमें से कुछ नष्ट हो गए थे और मूर्तियां टूटी हुई हैं। हमने ऐसे मंदिरों के सर्वे का आदेश दिया है।’
बता दें कि 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद घाटी से लाखों की संख्या में कश्मीरी पंडितों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था।
आतंकियों ने बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया था और तमाम मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था। पंडितों के पलायन के बाद घाटी में कई मंदिर बंद हो गए। इनमें कई मशहूर मंदिर भी हैं। शोपिया में भगवान विष्णु का मंदिर है तो इसी तरह पहलगाम में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है जो अभी बंद हैं।
हाउडी मोदी कार्यक्रम में पीएम से मिले थे अमेरिका में रहने वाले कश्मीरी पंडित
हाउडी मोदी कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। सिख समुदाय के लोगों ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए उनका धन्यवाद किया तो वहीं अमेरिका में रहने वाले कश्मीरी पंडित उनसे मिलकर भावुक हो गए। वहीं प्रधानमंत्री भी भावुक नजर आए।
बातचीत के दौरान कश्मीरी पंडितों के समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले सुरिंदर कौल ने उनका हाथ चूम लिया। कौल ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए पीएम मोदी से कहा कि जम्मू कश्मीर के विकास के लिए जाने वाले हर कदम में आपके साथ हैं।
कौल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने उन्हें सात लाख कश्मीरी पंडितों की तरफ से यह ऐतिहासिक फैसला लेने की वजह से धन्यवाद कहा। हमने उन्हें आश्वासन दिया कि हमारा समुदाय सरकार के साथ मिलकर उस कश्मीर के सपने को पूरा करेगा, जहां शांति होगी, विकास होगा और सभी खुशहाल होंगे।
-एजेंसियां