देश की बेटियों को पीएम मोदी का आश्वासन, शादी की न्यूनतम उम्र सीमा में बदलाव शीघ्र
नई दिल्ली। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने खाद्य एवं कृषि संगठन FAO की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर देश की बेटियों को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियों का ग्रॉस एनरॉलमेंट अनुपात बेटों से भी ज्यादा हो गया है। उन्होंने बेटियों को आश्वासन देते हुए कहा कि बहुत ही जल्द रिपोर्ट आते ही उस पर सरकार कार्यवाही करेगी।
बता दें कि बदलाव के संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश के नाम अपने संबोधन में दे दिये थे।
न्यूनतम आयु क्यों बदलना चाहती है सरकार?
लड़कियों की न्यूनतम उम्र सीमा में बदलाव करने के लिए पीछे उद्देश्य मातृ मृत्युदर में कमी लाना है। माना जा रहा है कि सरकार की इस कवायद के पीछ सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वैवाहिक बलात्कार से बेटियों को बचाने के लिए बाल विवाह पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने विवाह के लिए न्यूनतम उम्र के बारे में फैसला लेने का काम सरकार पर छोड़ दिया था।
एक अधिकारी के मुताबिक शादी के लिए लड़की और लड़के की न्यूनतम उम्र को एक समान होना चाहिए। अगर मां बनने की कानूनी उम्र 21 साल तय कर दी जाती है तो महिला की बच्चे पैदा करने की क्षमता वाले सालों की संख्या अपने आप घट जाएगी।
क्या कहा था पीएम मोदी ने
लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने महिलाओं से संबंधित कई मुद्दों की चर्चा की। उन्होंने कहा, बेटियों में कुपोषण खत्म हो, उनकी शादी की सही आयु क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसले लिए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने भी उम्र में बदलाव की कही थी बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट भाषण में कहा था कि महिला के मां बनने की सही उम्र के बारे में सलाह देने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी। वित्त मंत्री के बाद पीएम ने भी टास्क फोर्स की रिपोर्ट के बाद बेटियों की शादी की न्यूनतम उम्र पर पुनर्विचार की बात कही थी।
-एजेंसियां