खुशखबरी: 12460 Assistant teacher की भर्ती में शिक्षामित्रों को भी शामिल करने के आदेश
हाईकोर्ट ने परिषदीय स्कूलों के लिए 12460 Assistant teacher की भर्ती में उन शिक्षामित्रों को शामिल करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने इस भर्ती में पूर्व की काउंसिलिंग के लिए आवेदन किया था लेकिन सहायक अध्यापक पद पर समायोजित होने से उन्हें काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया था।
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस भर्ती में याचियों को रिक्त पदों पर उनकी मेरिट के मुताबिक नियमानुसार अवसर देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि याची सहायक अध्यापक पद की योग्यता रखते हैं। समायोजन के कारण उन्हें पिछली काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया था लेकिन अब स्थिति अलग है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने राजू प्रसाद पटेल व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है।
एडवोकेट सीमांत सिंह का कहना था कि शिक्षामित्र याचियों ने सहायक अध्यापक पद की योग्यता होने के कारण 15 दिसम्बर 2016 की 12460 सहायक अध्यापकों की भर्ती में आवेदन किया था। लेकिन काउंसिलिंग शुरू होने से पहले उनका सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हो गया था। इस पर उन्हें इसलिए काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया क्योंकि मूल पद पर वे समायोजित हो चुके थे। विभाग ने कुछ शिक्षामित्रों को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया।
Assistant teacher recruitment को प्रभावित करने वाला यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने राजू प्रसाद पटेल व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है।
राजू प्रसाद पटेल व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस भर्ती में याचियों को रिक्त पदों पर उनकी मेरिट के मुताबिक अवसर देने के निर्देश दिए हैं। याची के अधिवक्ता का कहना था कि 12460 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए याचीगण ने आवेदन किया था। उस समय उनका सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन हो गया। चूंकि याची उस समय मौलिक पद पर समायोजित हो चुके थे, इसलिए उन्हें काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया, अब याचीगणों का समायोजन रद हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने भी शिक्षामित्रों को वेटेज देने के लिए कहा है। राजू प्रसाद पटेल व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने याचीगण को काउंसिलिंग में शामिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि पद रिक्त रहने की स्थिति में इन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के लिए छह हफ्ते में कार्यवाही की जाए।