जदयू की बैठक में नीतीश का अहम फैसला, NDA से अलग नहीं होंगे
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज अहम फैसला करते हुए कहा कि NDA से अलग नहीं होंगे , दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव समेत विभिन्न मुद्दों पर अपनी पार्टी की स्थिति को लेकर विचार विमर्श किया।
भाजपा के साथ संबंधों में तनाव की खबरों के बीच नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले शनिवार को पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की. हालांकि, बिहार में जदयू और भाजपा के बीच NDA को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लगता दिख रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं के समक्ष साफ किया कि दोनों दलों के बीच गठबंधन बरकरार रहेगा। वहीं, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने 17-17 सीटों पर लड़ने का फॉर्मूला दिया है।
इससे पहले इस तरह की अटकलें लगायी जा रही थी कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाली पार्टी राजद और कांग्रेस के साथ अपने गठबंधन की संभावनाओं पर विचार कर सकती है। इन सबके बीच राजधानी दिल्ली स्थित बिहार भवन में पार्टी के महासचिव और सचिव समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में तय किया गया कि जदयू की तरफ से नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे पार्टी नेताओं को वह मान्य होगा।
इस बैठक में शामिल अधिकांश नेता नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव से सहमत थे कि बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन बरकरार रहना चाहिए। हालांकि, इस दौरान यह भी तय किया गया कि बिहार के बाहर भी पार्टी अपना विस्तार जारी रखेगी।
जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने एक स्थानीय न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि इस बैठक में शीट शेयरिंग को लेकर भी चर्चा हुई और तय किया किया गया बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से जेडीयू कम से कम 17-18 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
इस दौरान पार्टी के नेताओं ने सीटों की दावेदारी पर मंत्रणा भी की। पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि जदयू और भाजपा के 17-17 सीटों पर लड़ने, जबकि लोजपा और रालोसपा के लिए 6 सीटें छोड़ने की बात कही गयी।
जदयू के नेता ने कहा कि हम फिर से कह रहे हैं कि बिहार में भाजपा के साथ हमारा गठबंधन जारी रहेगा और नीतीश कुमार NDA के नेता होंगे
मालूम हो कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना आ रहे हैं। ऐसे में जदयू की इस बैठक के बाद नीतीश कुमार की अमित शाह के साथ होने वाली मुलाकात को भी अहम माना जा रहा है। इससे पूर्व जदयू के कई नेताओं ने भाजपा नीत राजग में अपनी पहले की प्रभावशाली स्थिति बहाल करने की मांग की है जैसा 2013 में गठबंधन से नाता तोड़ने से पहले तक उसका प्रभाव था।
गौर हो कि 2014 के आम चुनावों में भाजपा ने राज्य में 40 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीत हासिल की थी और उसके NDA सहयोगियों लोजपा और रालोसपा ने क्रमश: छह और तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी, जदयू तब केवल दो सीटें जीत सकी थी।
-एजेंसी