NGT से यूपी सरकार को गोवर्धन परिक्रमा की सर्विस रोड बनाने को एक हफ्ता मिला
नई दिल्ली/मथुरा। गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान द्वारा दाखिल याचिका पर NGT में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी भी मौजूद रहे। NGT के न्यायाधीश रघुवेंद्र सिंह राठौर व सत्यवान सिंह गब्रयाल की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि वर्षों बीत जाने के बाद भी गोवर्धन के विकास कार्यों का क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। न्यायालय में मौजूद अपर मुख्य सचिव से कहा गया कि सरकार द्वारा कई बार शपथ पत्र देने के बावजूद गोवर्धन में सर्विस रोड व रिंग रोड का कार्य कछुए की गति से चल रहा है ।
जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने न्यायालय से माफी मांगते हुए कहा कि अभी तक की देरी के लिए वो क्षमा चाहते हैं और न्यायालय को यह अवगत कराना चाहते हैं कि सर्विस रोड का कैबिनेट नोट तैयार हो चुका है, एक हफ्ते के अंदर गोवर्धन में सर्विस रोड बनाने की घोषणा सरकार द्वारा कर दी जाएगी अत: हमें एक सप्ताह का समय दे दिया जाए। न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव की मांग मानते हुए अगली सुनवाई पर उपस्थित रहने के आदेश जारी किए ।
ब्रज फाउंडेशन पर पर न्यायालय ने आदेश को रिजर्व रखा
दूसरी ओर याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल की ओर से मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन शर्मा व सार्थक चतुर्वेदी ने इसी याचिका से जुड़ी एक अन्य याचिका जिसमें कि ब्रज फाउंडेशन द्वारा ब्रज में अपने निजी स्वार्थ के लिए सी एस आर फंड जो कि सरकारी धन है, का दुरुपयोग किया गया पर भी चर्चा की। याचिकाकर्ता की ओर से मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन शर्मा ने न्यायालय को अवगत करया कि कैसे ब्रज फाउंडेशन तथा विनीत नारायण ने सरकार व एनजीटी समेत सर्वोच्च न्यायालय को भी धोखे में रखा और न्यायालय के आदेशों व सरकारी आदेशों को छुपाते हुए अपने निजी स्वार्थ के लिए सरकारी संपत्ति को खुर्द-बुर्द कर करोड़ों का चूना लगाया, इसके साथ ही ब्रज फाउंडेशन ने कुंडों का स्वरूप बदल कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना की है ।
याचिकाकर्ता की ओर से जोरदार बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन शर्मा ने बताया कि ब्रज फाउंडेशन और विनीत नारायण ने अपनी बड़ी बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स लगाकर लोगों को यह बताया कि वो ही ब्रज की सबसे बड़ी सेवा कर रहे हैं जबकि इसके उलट पूरा ब्रज फाउंडेशन एक प्राइवेट लमिटेड कम्पनी की तरह करोड़ों के गलत कार्य कर चुका है। इस पर सरकार ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
सरकार की ओर से मौजूद अधिवक्ता अमित तिवारी ने कहा कि ब्रज फाउंडेशन द्वारा किसी भी कार्य को करने की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली गई जिससे यह प्रतीत होता है कि ब्रज फाउंडेशन द्वारा सरकार को भी धोखे में रखा गया। ब्रज फाउंडेशन के अधिवक्ता से जब न्यायालय ने पूछा कि याचिकाकर्ता व सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों पर आपका क्या कहना है तो ब्रज फाउंडेशन के अधिवक्ता ने न्यायालय को कोई भी माकूल जवाब नहीं दिया, जिस पर न्यायालय ने आदेश को रिजर्व करते हुए सरकार के अधिवक्ता से ब्रज फाउंडेशन व ग्राम समाज के बीच हुए सभी एग्रीमेंट व रेवेन्यू बोर्ड के फुल बेंच के आदेश की सत्यापित प्रति जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को कहा जिसके बाद न्यायालय अपना आदेश सुनाएगा ।मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होना के लिए तय की गई ।