देशी भोजन: कैल्शियम, आयरन की कमी पूरी करते हैं तिल-गुड़ के लड्डू
सर्दियों में देशी भोजन के तौर पर तिल-गुड़ के लड्डू काफी प्रसिद्ध हैं क्योंकि मूंगफली, गुड़ और तिल आपको कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। यह शरीर को गर्म रखते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं। बहुत से लोगों को भ्रम रहता है कि डायबिटीज के मरीज तिल के लड्डू नहीं खा सकते। शुगर के मरीज तिल-गुड़ के लड्डू और चिक्की-गजक खा सकते हैं बशर्ते इसे खाने के बाद वो 4 से 5 हजार कदम जरूर चलें।
लड्डू खाएं, लेकिन ये बातें ध्यान रखें
डायटीशियन निधि पांडे ने बताया कि मूंगफली, गुड़, मक्के के दाने और तिल की न्यूट्रिशनल वैल्यू बहुत अच्छी है। ठंड में इन्हें खाने से सेहत ठीक रहती है। अगर गजक, तिल-गुड़ के लड्डू और चिक्की खा रहे हैं तो सुबह बिस्किट न लें। शाम के वक्त यदि ये खाने की इच्छा है तो चाय आधा कप ही पिएं। अगर रात में खा रहे हैं तो आधी रोटी अपनी डाइट से कम करें।
जो लोग दूध नहीं पीते उन्हें ये लड्डू जरूर खिलाएं
बच्चों को तिल-गुड़ के लड्डू और चिक्की जरूर खिलाएं, क्योंकि तिल-गुड़ में कंबाइंड कैल्शियम का सोर्स है। जो लोग दूध नहीं पीते, लैक्टोज की समस्या है या फिर कोलेस्ट्रोल बढ़ा है तो उन्हें तिल-गुड़ खाना चाहिए।
बच्चों को लड्डू दे रहे हैं तो उसमें ड्राय फ्रूट्स मिला दें, यह दिमाग को तेजी से विकसित करता है और नर्व सेल्स को डेमेज होने से रोकता है। शुगर के पेशेंट यदि तिल-गुड़ के लड्डू या चिक्की-गजक खाएं तो कम से कम 4 से 5 हजार कदम जरूर चलें।
कौन-कौन से पोषक तत्व हैं गुड़ और तिल में
गुड़: एंटी ऑक्सीडेंट। न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति 100 ग्राम), चीनी 65-85 ग्राम, फ्रक्टोस-ग्लूकोज 10-15 ग्राम, आयरन 11 मिलीग्राम, मैग्नीशियम 70-90 ग्राम, मैगनीज 0.2-0.5 ग्राम, पोटेशियम 1050 मिली ग्राम।
तिल: मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम का अच्छा स्त्रोत। न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति 100 ग्राम), कैलोरी 573, फैट 50 ग्राम, प्रोटीन 18 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 23 ग्राम, सोडियम 11 मिली ग्राम।
– Legend News