रूस में अत्याधुनिक हथियारों का मेला शुरू: 730 नवीनतम घातक हथियार और सैन्य साजो सामान पेश, ब्रह्मोस के साथ भारत भी शामिल
रूस में Army-2020 फोरम का आगाज हो गया है। रूसी हथियारों के इस मेले में मिसाइलों से लेकर टैंक तक पेश किए गए हैं। रूस को अनुमान है कि इस मेले में 15 अरब डॉलर से ज्यादा के हथियार बेचे जाएंगे।
कोरोना वायरस महामारी के बीच शुरू हुआ अत्याधुनिक हथियारों का यह मेला ‘आर्मी (Army-2020)’ मास्को में 23 से 29 अगस्त तक चलेगा। इस मेले में रूस ने अपने 730 नवीनतम घातक हथियारों और सैन्य साजो सामान को दुनिया के सामने पेश किया है। दुनियाभर से रूसी हथियारों को पाने की चाहत लिए हजारों लोग इस मेले में पहुंच रहे हैं। भारत भी ब्रह्मोस मिसाइल के साथ इस मेले में शामिल हुआ है। रूसी रक्षा मंत्रालय को उम्मीद है कि इस मेले में करीब 15.5 अरब डॉलर के हथियार बेचे जाएंगे।
टी-90 और T-34 टैंकों ने दिखाया दम, बरसाए गोले
इस मेले में रूस के बेहद घातक टी-90 टैंकों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। इन टैंकों ने खरीददारों के सामने ही जोरदार गोलाबारी की। टी-90 A टैंकों के साथ T-34 ने भी अपना हुनर दिखाया। इसके अलावा रूस ने अपनी अंतर महाद्वीपीय मिसाइल तथा एयर डिफेंस सिस्टम को भी दुनिया के सामने पेश किया है। इन रूसी हथियारों के लिए 133 देशों के रक्षा प्रमुखों को न्योता दिया गया था। इसमें से 35 से ज्यादा देशों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की। इसके अलावा भारत, बेलारूस, ग्रीस, ईरान, चीन, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका और अर्मेनिया ने अपना उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है।
पानी और जमीन दोनों पर हमले करेगी रूसी SUV
रूस की कंपनी बाल्टिक मशीन बिल्डिंग कंपनी ने बहुत तेज गति से जमीन और पानी दोनों पर मार करने वाले वाहन ड्रोज्ड का प्रदर्शन किया है। यह वाहन पानी में करीब 70 किमी और जमीन पर 100 किमी की रफ्तार से हमला करने में सक्षम है। पानी में चलने के लिए इसे खासतौर पर कार्बन फाइबर से बनाया गया है। इसका वजन दो टन है और यह अपने साथ डेढ़ टन सैन्य साजो-सामान ले जा सकता है। इस वाहन को विभिन्न तरीके के हथियारों से लैस किया जा सकता है। इसमें मशीन गन से लेकर रॉकेट लॉन्चर तक शामिल है।
समुद्र के तल तक जाने वाला मानव रहित ड्रोन
रूस ने अपनी डीप सी मानव रहित ड्रोन विटयाज-डी को पेश किया है जो समुद्र के तल तक गोता लगाने में सक्षम है। रूसी नौसेना इसका इस्तेमाल न केवल उत्खनन बल्कि सैन्य उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करेगी। इस अंडरवॉटर ड्रोन को इस तरह से बनाया गया है कि इसके अंदर कई तरह के हथियार ले जाए जा सकते हैं। यह दुनिया का पहला ऐसा ड्रोन है जो मरियाना ट्रेंच में गत 8 मई को समुद्र के तल तक पहुंच गया था। इस दौरान यह लगातार सूचनाएं भेजता रहा।
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए खास इंतजाम
रूस ने दावा किया है कि देश में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप कम हो रहा है। इसको देखते हुए इस हथियारों के मेले का आयोजन किया गया है। इसके अलावा कई सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इसमें ऐसे लोगों को नहीं आने दिया जाएगा जिन्हें सर्दी या खांसी है। हर आदमी के लिए 1.5 की दूरी तय की गई है। मास्क लगाना जैसे सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से कम देशों ने अपने प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में भेजे हैं।
-एजेंसियां