जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है काम से उपजा तनाव
नौकरी और काम से संबंधित तनाव जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है। काम के बोझ से तनाव के कारण पुरुषों में समय पूर्व मृत्यु का जोखिम 68 प्रतिशत अधिक रहता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
अध्ययन के मुताबिक वयस्कों में काम, तनाव का एक आम स्रोत है, जो इससे जुड़ी अन्य कई समस्याओं को जन्म देता है।
प्रोडक्टिविटी और परफॉर्मेंस को प्रभावित करता है तनाव
कार्यस्थल का कुछ तनाव तो सामान्य होता है, लेकिन अत्यधिक तनाव आपकी उत्पादकता और प्रदर्शन दोनों को ही प्रभावित कर सकता है। यह आपके शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के साथ ही आपके रिश्ते और घरेलू जीवन को भी प्रभावित करता है। यह नौकरी में सफलता और विफलता के बीच अंतर भी पैदा कर सकता है।
स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ने से उत्पन्न होती है नकारात्मकता
हार्ट केयर फाउंडेशन (HCFI) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने बताया, ‘नौकरी के तनाव से शरीर की आंतरिक प्रणालियों में बाधा पड़ने पर दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। तनावग्रस्त श्रमिक अस्वास्थ्यकर भोजन, ऐल्कॉहॉल और धूम्रपान तो अपना लेते हैं मगर व्यायाम छोड़ देते हैं। यह सभी चीजें हृदय रोगों से जुड़ी हुई हैं। इन चीजों से हृदय गति में परिवर्तन बढ़ता है और दिल कमजोर होता जाता है। साथ ही कोर्टिसोल का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। कोर्टिसोल एक स्ट्रेस हॉर्मोन है जो नकारात्मकता उत्पन्न करता है। रक्त में अधिक कोर्टिसोल होने पर रक्त वाहिकाओं और दिल को नुकसान पहुंच सकता है। काम और घर के बीच प्राथमिकताओं का टकराव होने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इससे नशे की लत की संभावना बढ़ जाती है।’
काम के अत्यधिक तनाव के लक्षण
चिंता, चिड़चिड़ाहट, अवसाद, रुचि की कमी, अनिंद्रा, अन्य नींद विकार, थकान, ध्यान देने में परेशानी, मांसपेशियों में तनाव या सिरदर्द, पेट की समस्याएं, मिलने जुलने में अरुचि, सेक्स ड्राइव कम होना और नशे की प्रवृत्ति बढ़ना शामिल है।
कार्यस्थल के तनाव को ऐसे करें कम
सकारात्मक संबंध बनाएं और जब आप महसूस करें कि कोई काम हाथ से बाहर हो रहा है तो अपने सहयोगियों को आत्मविश्वास में लें।
स्वस्थ खाने और नाश्ते से अपना दिन शुरू करें। यह न केवल आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि आप तनाव से दूर रहें।
पर्याप्त नींद लें और अपने सोने के समय में काम न करें। सुनिश्चित करें कि आप हर दिन एक ही समय में सोएं।
हर दिन लगभग 30 मिनट शारीरिक व्यायाम करें। यह एंडोर्फिन हॉर्मोन जारी करेगा, जो आपके मूड को अच्छा बनाने में मदद कर सकता है।
अपने काम को प्राथमिकता दें और व्यवस्थित तरीके से काम करें। इससे आप किसी भी तरह के बैकलॉग से बच जाएंगे।
-एजेंसी