आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से रूबरू हुए GL Bajaj के विद्यार्थी
मथुरा। बीते दिवस GL Bajaj Group of Institutions में वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें WITS Mumbai के संस्थापक और सीईओ हितेश जैन ने छात्र-छात्राओं को आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस एम्पॉवरमेंट सस्टेनेबिलिटी पर विस्तार से जानकारी दी। वेबिनार के कोऑडिनेटर जी.एल. बजाज के प्राध्यापक डा. रमाकांत ने बताया कि आज की कार्यशाला का लाभ 65 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उठाया।
अतिथि वक्ता हितेश जैन ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का अर्थ है एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना। आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस को कम्प्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है। इसमें एक ऐसे दिमाग की संरचना की जाती है जोकि इंसानों की तरह सोच सके। श्री जैन ने कहा कि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस एम्पॉवरमेंट सस्टेनेबिलिटी का अर्थ है कृत्रिम बौद्धिक क्षमता में निरंतर शक्ति का समावेश करना।
श्री जैन ने कहा कि हमने मानवता के फायदे के लिए आग और बिजली का इस्तेमाल करना तो सीख लिया पर इसके नकारात्मक पहलुओं से अनभिज्ञ हैं। उन्होंने बताया कि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कैंसर के इलाज या जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी किया जा सकता है। वास्तव में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस एम्पावरमेंट सस्टेनेबिलिटी का अभ्युदय हमारी सभ्यता के इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। श्री जैन ने आगाह किया कि यदि इसके जोखिम से बचने के तरीके नहीं खोजे गए तो इसके गंभीर परिणामों से इंकार नहीं किया जा सकता। कुल मिलाकर एक शक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उदय हमारे लिये फायदेमंद भी है और नुकसानदेह भी।
श्री जैन ने छात्र-छात्राओं को बागवानी और जैविक खेती में एमएल के उपयोग के बारे में चर्चा की। विशेष रूप से कृषि में वास्तविक दुनिया में एआई और एमएल के उपयोग को समझने के लिए यह बात बहुत उपयोगी थी। उन्होंने चिप्स के प्लास्टिक पैकेट, वॉटर बॉटल हैंड्स-ऑन उदाहरण की पहचान करने के लिए अपने मोबाइल ऐप का प्रदर्शन किया और ऐप में छवि विवरणों को प्राप्त किया जो कचरा इकट्ठा करने वालों के लिए उपयोगी हैं।
छात्रों द्वारा भारत में खेती की परियोजनाओं के बारे में पूछे गए सवालों का उन्होंने जवाब दिया कि यह केवल भारत के लिए है जो छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए बहुत उत्साहजनक है। श्री जैन ने जी.एल. बजाज संस्थान के छात्र-छात्राओं को अपने संस्थान में इंटर्नशिप प्रदान करने की भी सहमति दी। संस्थान की निदेशक डॉ. नीता अवस्थी ने अतिथि वक्ता हितेश जैन का आभार माना।