दिन-प्रतिदिन जर्जर हो रही है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, चीन से क़र्ज़ पर टिका है भविष्य
पाकिस्तानी अख़बार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में गहराते भुगतान संतुलन संकट के बीच उसे चीन से 1 से 2 अरब डॉलर का नया क़र्ज़ मिलने की उम्मीद है. अख़बार का कहना है कि इससे संकेत मिलते हैं कि पाकिस्तान के वित्तीय संबंध चीन से और गहरा रहे हैं.
अख़बार का कहना है कि जून में ख़त्म हो रहे इस वित्तीय वर्ष तक पाकिस्तान को चीन से पांच अरब डॉलर का क़र्ज़ मिल चुका है. यह आंकड़ा समाचार एजेंसी रॉयटर्स को पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय से मिला था.
डॉन के मुताबिक़ अमरीका की सख़्ती के कारण पाकिस्तान की चीन पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है. अख़बार ने लिखा है कि फ़रवरी महीने में अमरीका ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को आर्थिक मदद देने वालों की सूची में शामिल करने की कोशिश की थी.
इसे लेकर पाकिस्तान में प्रतिक्रिया भी देखने को मिली और अमरीका की नाराज़गी से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लेकर संकट में घिरने का डर बढ़ा है.
अख़बार का कहना है कि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में आई कमी को चीनी क़र्ज़ अस्थायी राहत दे सकता है. अख़बार का कहना है कि मई 2017 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.4 अरब डॉलर था जो पिछले हफ़्ते 10.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
डॉन का कहना है कि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में जारी गिरावट के कारण करेंट अकाउंट घाटे का संकट और गहरा गया है. वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि जुलाई में पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद आईएमएफ़ के दूसरे बेलआउट फंड की ज़रूरत पड़ेगी.
इससे पहले आईएमएफ़ ने 2013 में पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज दिया था. पाकिस्तान को आईएमएफ़ से 2013 में 6.7 अरब डॉलर का बेलआउट मिला था.
चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर 57 अरब डॉलर की चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर परियोजना को अंजाम देने में लगा है और वो नहीं चाहेगा कि पाकिस्तान आर्थिक संकट की चपेट में आए और उसकी परियोजना अधर में लटके.
-BBC