ईडी ने लगाया बीसीसीआई, Lalit Modi और श्रीनिवासन पर 121 करोड़ रुपए का ज़ुर्माना
नई दिल्ली। ईडी ने फेमा कानून के तहत बीसीसीआई, Lalit Modi और श्रीनिवासन पर 121 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार साल 2009 में साउथ अफ्रीका में हुए आईपीएल के दौरान पैसों के लेन-देन में आरबीआई की गाइडलाइंस का उल्लंघन किया गया। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच की। ईडी की जांच के उपरांत मिले तथ्यों के आधार पर फेमा कानून के तहत आरोपियों पर 121 करोड़ रुपए का यह जुर्माना लगाया है।
किस पर कितना लगा ज़ुर्माना
जांच एजेंसी ने इस मामले में बीसीसीआई पर 82.66 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन पर 11.53 करोड़, आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी पर 10.65 करोड़, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं एमपी पांडोव पर 9.72 करोड़ और अब स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर पर 7 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया है। हालांकि अब स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो चुका है।
फेमा ने अपने आदेश में कहा कि सजा के तौर पर दिए गए जुर्माने की राशि को आरोपियों को 45 दिन के भीतर सरकारी खजाने में जमा कराना होगा।
क्या है फेमा कानून
1997-98 में सरकार ने फेरा 1973 की जगह फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) का प्रस्ताव रखा। दिसंबर 1999 में संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 1 जून, 2000 से यह प्रभाव में आया. फेमा का मुख्य उद्देश्य विदेशी मुद्रा संबंधी सभी कानूनों का संशोधन और एकीकरण करना है। इसके अलावा देश में विदेशी भुगतान, निवेश और व्यापार को बढ़ावा देना भी उसका उद्देश्य है।
क्या है मामला
साल 2009 में लोकसभा चुनाव के चलते आईपीएल का आयोजन साउथ अफ्रीका में किया गया था। तब बीसीसीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और आयकर विभाग की मंजूरी के बिना आईपीएल के आयोजन के लिए दक्षिण अफ्रीका में फॉरेन करंट अकाउंट खोला था। बीसीसीआई ने इस खाते में 243 करोड़ रुपए भी जमा कराए थे जो बाद में जांच का विषय बना।
साल 2011 में ईडी ने Lalit Modi और बीसीसीआई को इसी लेन-देन के लिए फेमा कानून के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था, और अब उनपर ये जुर्माना लगाया गया है।
-एजेंसी