जिला स्तरीय Abacus चैम्पियनशिप का आयोजन 8 जुलाई को
मथुरा। बिना कैलकुलेटर का इस्तेमाल किए, गणित के बड़े से बड़े सवालों को चुटकियों में हल कर लेने की कला Abacus सीखने वाले बच्चों के लिए आगामी रविवार, 8 जुलाई को राधिका विहार फेज़ १ स्थित “ओक एजूकेशन” में पहली जिला स्तरीय अबेकस चैम्पियनशिप आयोजित होने जा रही है जिसमें बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को 21 जुलाई को सार्वजनिक तौर पर सम्मानित किया जाएगा।
बहुत-से बच्चों को गणित काफी मुश्किल विषय लगता है। यहाँ तक कि कुछ बच्चों को तो गणित के नाम से ही डर लगता है। स्कूली पाठ्यक्रम के अन्य विषयों की तरह यहाँ भी असल समस्या पढ़ाने-सीखने की प्रक्रिया में नहीं है। नई अवधारणाओं को समझाने के कई आसान तरीके भी हैं। इस लेख में हम देख सकते हैं कि बच्चों को उधार लेने (Borrowing) व हासिल (Carry over) की अवधारणा सिखाने में अबेकस को किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
अबेकस एक प्राचीन गणितीय यंत्र है जो जोड़, घटा, गुणा-भाग जैसे आसान सवालों के अलावा मुश्किल गणितीय सवाल जैसे भिन्न व वर्गमूल के सवालों को हल करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। गणना करने वाले इस यंत्र का आविष्कार लगभग 2500 साल पहले चीन में हुआ था। अबेकस संख्या 10 के आधार वाली हिन्दु-अरेबिक संख्या प्रणाली के लिए विकसित किए गए थे। इसकी हर छड़ में 0 से 9 तक की संख्याएँ होती हैं।
बीते सात वर्षों से Abacus का प्रशिक्षण दे रहे “ओक एजूकेशन” के मुख्य प्रशिक्षक सौरभ चतुर्वेदी के अनुसार यह चैम्पियनशिप मथुरा जिले के बच्चों में ओरल कैलकुलेशन (मौखिक गणना) करने के प्रति एक आकर्षण पैदा करेगी। उन्होंने 5 से 15 वर्ष की आयु तक के विद्यार्थियों को शनिवार तक फॉर्म भर कर चैम्पियनशिप में भाग लेने का न्यौता दिया है।