केस सूचीबद्ध करने में अनियमितता के आरोपों का संज्ञान: शीर्ष अदालत में तैनात होंगे CBI अफसर
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अपने रजिस्ट्री में भ्रष्ट तरीकों पर रोक लगाने के लिए CBI और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त करने का फैसला किया है।
दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई शीर्ष ने अदालत की विभिन्न पीठों को मामले सूचीबद्ध करने में अनियमितता के आरोपों का संज्ञान लिया।
अधिकारी ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
ये पुलिस अधिकारी मामलों को संदिग्ध तरीके से सूचीबद्ध करने और कर्मचारियों और वकीलों की अन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नियुक्त किए जाएंगे। इन्हें डेप्युटेशन (प्रतिनिधि के तौर) पर रखा जाएगा। यह अफसर मामलों की सुनवाई की तारीख में हेराफेरी और कर्मचारियों-वकीलों के चाल-चलन पर नजर रखेंगे।
हाल ही में सीजेआई ने अदालत के दो कर्मियों को एक उद्योगपति से संबंधित एक मामले का अनुक्रम बदलने के आरोप में बर्खास्त किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस द्वारा बिचौलियों की मर्जी के अनुसार मामलों को सूचीबद्ध करने का सनसनीखेज आरोप लगाने के बाद एक सदस्य जांच समिति का गठन भी किया है। इस समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए. के. पटनायक हैं। जस्टिस अरुण मिश्रा ने इस मामले में दो महीने पहले आईबी चीफ, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और सीबीआई डायरेक्टर से अपने चैम्बर में मुलाकात की थी। वकील उत्सव ने अपनी जान पर खतरा होने की बात कही थी, तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को उत्सव को आदेश दिया था कि वकील को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस के आरोपों पर एक सदस्यीय जांच पैनल भी गठित किया है। उत्सव ने आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ बिचौलिए केसों की मनमुताबिक लिस्टिंग जैसे काम कराने के लिए तैयार रहते हैं। पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक करेंगे।
-एजेंसियां