MRP पर विरोधाभासी आदेशों को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी केंद्र सरकार
नई दिल्ली। पैकेज्ड आइटम्स के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को लेकर अलग-अलग कोर्ट्स के विरोधाभासी आदेशों को देखते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेगा कि इस मामले से जुड़े सभी केसों को एक ही बेंच के पास भेजकर निपटाया जाया।
मंत्रालय का मानना है कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए पैकेज्ड आइटम्स के MRP से जुड़ा एक ही नियम होना चाहिए।
बता दें कि एमआरपी से जुड़े एक करीब एक दर्जन मामले बॉम्बे, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और केरल हाई कोर्ट में लंबित हैं। ऐसे में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कानून मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है कि इन सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच के पास ले जाया जाए ताकि उसके द्वारा किया गया फैसला सभी के लिए लागू हो।
बता दें कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 1 जनवरी से पैकेज्ड आइटम्स के सभी मैन्युफैक्चरर्स और विक्रेताओं के लिए MRP से जुड़ा एक ही नियम अनिवार्य किया हुआ है मगर अलग-अलग कोर्ट्स के आदेशों ने इस मामले में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। एक संबंधित अधिकारी ने बताया, ‘हम एक ही मामले पर सुनवाई के लिए देशभर के अलग-अलग कोर्ट्स में पेश नहीं हो सकते, ऐसे में हमने सभी केसों को मिलाकर सुप्रीम कोर्ट जाने का प्रस्ताव तैयार किया।’
-एजेंसी